मामला हैलट अस्पताल का है। अब बच्चे को बालरोग अस्पताल के एनआईसीयू में और उसकी मां को जच्चा-बच्चा अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया। न्यूरो साइंसेज विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष सिंह ने बताया कि जच्चा-बच्चा की स्थिति सामान्य है। स्त्री रोग विभाग से डॉक्टर बुलाने के पहले ही प्रसव हो गया था। गर्भवती महिला संध्या कानपुर देहात की है। 26 जून की रात पति से झगड़ा हुआ था। पति ने गुस्से में उसे घर की पहली मंजिल से धकेल दिया। उसके सिर में गहरी चोट आई थी। स्थानीय डॉक्टरों के हाथ खड़े कर देने पर उसे न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष सिंह के अंडर में भर्ती किया गया। सिर की हड्डी टूटी थी और ब्रेन हेमरेज से खून के थक्के जम गए थे।
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पशु पालक नहीं छोड़ सकेंगे आवारा पशु तय हुई इतनी बड़ी सजा ऐसे हुई थी समस्या डॉ मनीष के अनुसार महिला और गर्भस्थ शिशु की जांच की गई तो वह ठीक था। इस उसे छुट्टी दे दी गई थी। लेकिन घर जाकर दवा छोड़ दी, जिससे उसे दौरे आने लगे और उसे दो दिन पहले भर्ती किया गया। डॉ. मनीष सिंह ने बताया कि मंगलवार को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हो गई और आठ महीने में ही बच्चे का प्रसव कराया गया। स्त्री रोग विशेषज्ञ को बुलाने का समय नहीं था तो एमसीएच छात्रों ने नर्स के साथ प्रसव कराया। प्राचार्य डॉ. संजय काला ने विभाग को बधाई दी है। इस तरह से ये मामला थ्री इडियट की फिल्म का एक हकीकत उदाहरण बन गया।