फैक्ट्री मालिकों को इतने लंबे लॉकडाउन की पहले से ही आशंका थी, इसलिए उन्होंने भी तैयारी कर रखी थी कि कर्मचारियों और दिहाड़ी मजदूरों को परेशानी ना हो। इसलिए दिहाड़ी मजदूरों को पहले ही १५ दिनों का एडवांस देकर घर भेज दिया गया है। ताकि उनका खर्चा चलता रहे। जबकि बाकी स्टाफ को वेतन देने के लिए अभी मालिको के पास समय है, क्योंकि वेतन महीने की ७ तारीख को जाता है और उसमें अभी समय है। फैक्ट्री मालिकों को यह भी उम्मीद है कि सात तारीख तक स्थितियां नियंत्रण में होंगी।
दूसरी ओर फैक्ट्रियों में उत्पादन बंद होने से बाजार में इनकी समस्या पैदा हो जाएगी। लॉकडाउन के बावजूद भले ही दूध और ब्रेड की फैक्ट्रियां चल रही हों, लेकिन राशन से जुड़ी कई चीजों का उत्पादन बंद होने से बाजार में इनकी कमी पैदा हो जाएगी। दूसरी ओर फैक्ट्री मालिको ंको भी तगड़ा नुकसान होने की आशंका है, क्योंकि उत्पादन न होने से आर्डर पूरे नहीं हो पाएंगे तो भुगतान नहीं आएगा, जबकि कर्मचारियों को वेतन तो देना ही पड़ेगा। हालांकि फैक्ट्री मालिक इसके लिए राजी हैं। आईआईए के पूर्व चेयरमैन तरुण खेत्रपाल के मुताबिक कर्मचारियों के खाते में सैलरी ट्रांसफर करेंगे। लेबरों को पैसा हर हाल में देना है। उन्हें पैसा दिया जाएगा।