कानपुर

मंत्री राजभर को भाजपा ने दिया तगड़ा झटका, 47 पदाधिकारियों को पार्टी की दिलाई सदस्यता

भाजपा नगर अध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी ने पार्टी कार्यालय में सभी को दिलाई सदस्यता, भासपा नेताओं ने कहा राजभर कार्यकर्ताओं की कर रहे थे उपेक्षा।

कानपुरFeb 04, 2019 / 12:11 am

Vinod Nigam

मंत्री राजभर को भाजपा ने दिया तगड़ा झटका, 47 पदाधिकारियों को पार्टी की दिलाई सदस्यता

कानपुर। योगी सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर को भाजपा ने तगड़ा झटका देते हुए सुहेलदेव भारतीय पार्टी के 47 सदस्यों को कमल की सदस्तया दिला दी। राजभर की पार्टी छोड़ने वालों में कानपुर मंडल के प्रमुख महासचिव पंडित उपेंद्र नाथ शर्मा, जिलाध्यक्ष चंद्रपाल जिलाध्यक्ष महिला मंच सुभि शर्मा जिलाध्यक्ष युवामंच पवन शर्मा सहित जिले के अधिकतर बड़े नेता शामिल हैं। पूर्व जिलाध्यक्ष चंद्रपाल ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष राजभर कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करते थे। वो एक तानाशाह की तरह कार्य कर रहे हैं। सरकार में मंत्री रहने के बाद भी वो भाजपा के खिलाफ आएदिन बयान देते रहते हैं। इससे पार्टी के साथ-साथ पदाधिकारियों की छवि खराब हो रही थी। हम सभी मिलकर अब लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए जमीन तैयार करेंगे।

 

कार्यकर्ताओं की छवि कर रहे खराब
नवीन मार्केट स्थित कार्यालय में नगर अध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी की मौजूदगी में सुहेलदेव भारतीय पार्टी के जिलाध्यक्ष की आगवाई में सभी 47 पदाधिकारियों ने भाजपा की सदस्तया ले ली। इस बीच भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर कार्यकर्ताओं की सुननें के बजाए विरोधी दलों के पिछले कई माह से कार्य कर रहे थे। वो सरकार में रहने के बाद भी बयान देकर अपनी, पार्टी के अलावा सैकड़ों कार्यकर्ताओं की छवि खराब कर रहे थे। ऐसे में हमने पार्टी छोड़ने का मन बना लिया। सुहेलदेव भारतीय पार्टी कानपुर के पूर्व नगर अध्यक्ष चंद्रपाल ने कहा कि आने वाले दिनों में राजभर की पार्टी के अधिकतर पदाधिकारी व कार्यकर्ता भाजपा के साथ होंगे।

 

minister om prakash rajbhar party 47 leaders join bjp

मायावती से अगल होकर बनाया दल
मायावती से विवाद के बाद बसपा से अलग हुए ओम प्रकाश राजभर ने 2004 में राजभर समुदाय के प्रतिनिधित्व करने के लिये सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का गठन किया। उन्होंने पार्टी तो बना ली पर सफलता नहीं मिली। उन्होंने अंसारी बंधु का साथ पकड़ा, लेकिन उसका भी फायदा नहीं मिला। आखिर में बीजेपी से गठबंधन किया तो 13 साल बाद पार्टी ने पहली बार जीत हासिल की। चार सीटें जीतने के बाद ओम प्रकाश राजभर भी आखिरकार यूपी विधानसभा पहुंच गए। उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी दिया गया है। लेकिन पिछले कई माह के दौरान राजभर योगी सरकार के खिलाफ बयान देकर भाजपा के लिए मुसीबत खड़ी कर रहे थे। इसी के चलते अब भाजपा उन्हीं की पार्टी के कार्यकर्ताओं को पार्टी में शामिल कर जवाब दे रही है।

 

minister om prakash rajbhar party 47 leaders join bjp

18 फीसदी राजभर समाज के वोट
राजभर मुलरूप से बलिया के रसड़ा गांव के निवासी हैं। इन्होंने 1981 में कांशीराम के दौर से राजनीतिक पारी की शुरूआत की। 2001 में भदोही का नाम बदलकर संत कबीर नगर रखने को लेकर मायावती से विवाद हुआ और ओम प्रकाश ने बसपा छोड़ दिया। पूर्वांचल की जातिगत गणना में राजभरों की गिनती करीब 18 प्रतिशत है। पार्टी भले ही चुनाव न जीती हो पर जब भी प्रत्याशी लड़े मजबूती से लड़े और खेल बिगड़ने का काम किया। बाहुबली मोख्तार अंसारी की पार्टी से भासपा का गठबंधन किया, उससे मोख्तार परिवार को फायदा हुआ और 2012 के चुनाव में मोहम्मदाबाद व मऊ सदर सीट पर अंसारी बंधु जीते। 2017 में भासपा को भाजपा ने आठ सीटों पर चुनाव लड़ाया जिनमें पहली बार पार्टी ने चार सीटों पर जीत हासिल की।

 

minister om prakash rajbhar party 47 leaders join bjp

भाजपा के साथ मिलकर करेंगे काम
भासपा छोड़ने वाले नेताओं ने कहा कि अब 2019 में भाजपा के लिए कार्य करेंगे। संगठन में जो भी जिम्मेदारी मिलेगी उसे निभाएंगे। कानपुर मंडल के प्रमुख महासचिव पंडित उपेंद्र नाथ शर्मा ने कहा कि मंत्री राजभर वर्तमान में अपने विवेक के बजाए दूसरे दलों के नेताओं के इशारे पर कार्य कर रहे हैं। भाजपा ने उन्हें मंत्रिमंडल में जगह दी। लेकिन मंत्री राजभर जनता के कार्यो के बजाए अपनी बयानबाजी में ज्यादा व्यस्थ रहे। कहा कि भासपा के पास जनाधार नहीं बचा। वहीं भाजपा नगर अध्यक्ष ने बताया कि भासपा के सभी पदाधिकारियों का पार्टी में स्वागत है। आने वाले दिनों में सपा, बसपा व कांग्रेस के नेता भी उनकी जनविरोधी नितियों के चलते भाजपा की सदस्यता लेंगे।

Hindi News / Kanpur / मंत्री राजभर को भाजपा ने दिया तगड़ा झटका, 47 पदाधिकारियों को पार्टी की दिलाई सदस्यता

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.