सोशल डिस्टेंसिंग होगी आसान सुन्नी उलमा काउंसिल के महामंत्री हाजी मोहम्मद सलीस का कहना है कि जब धार्मिक स्थल खोले जाने की बात आई तो प्रशासन केवल पांच लोगों के आने की अनुमति दी और तब कई मुस्लिम तंजीमों ने संख्या बढ़ाकर 30-35 करने की मांग की थी। अगर अनुमति मिल भी जाती तो यह तय करना मुश्किल होता कि किन 30-35 लोगों को नमाज अदा करने की अनुमति दी जाए। ऐसे में केरल की तर्ज पर शहर में भी इसे अपनाने के लिए राब्ता किया जा रहा है। जब धार्मिक स्थल खुलेंगे तो इस फार्मूले पर अमल कराया जाएगा। प्रशासन को भी इसकी जानकारी दी जाएगी। सुन्नी उलमा काउंसिल के ही मोहम्मद अतहर बताते के मुताबिक कम नमाजियों के होने से सोशल डिस्टेंसिंग आसान हो जाएगी। टोकन बिना किसी भेदभाव के बांटे जाएंगे। इसको लेकर सभी मौलाना सहमत हैं।