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कानपुर

कन्नौज हादसा: आंखों के सामने भाई को जिंदा जलते देख कांप गया कलेजा

ट्रक चालक को उसका भाई और दोस्त जलने से नहीं बचा पाए हादसे में सिर पर चोट लगने पर केबिन में ही बेहोश हो गया था

कानपुरJan 12, 2020 / 05:03 pm

आलोक पाण्डेय

कन्नौज हादसा: आंखों के सामने भाई को जिंदा जलते देख कांप गया कलेजा

कन्नौज हादसा: आंखों के सामने भाई को जिंदा जलते देख कांप गया कलेजा

कानपुर। कन्नौज के हादसे में बस से टकराने वाला ट्रक भी आग की लपटों में घिर गया था। उस ट्रक का चालक भी केबिन में ही जलकर राख हो गया और उसका भाई और दोस्त चाहकर भी कुछ न कर सके। भाई को अपनी आंखों के सामने जलता देख उसे बचाने दौड़े दूसरे ट्रक चालक और दोस्तों ने काफी कोशिश की पर कोई जुगत काम न आयी। हादसे का शिकार हुए ट्रक के चालक को जलता देख उसका भाई रो-रोकर चिल्लाता रहा और कुछ ही देर में उसकी आंखों के सामने भाई सीट पर राख हो गया।
चार ट्रक दिल्ली से जा रहे थे छत्तीसगढ़
मैनपुरी जनपद के थाना कुरावली के लतीफपुर गांव निवासी रिंकू यादव (31) पुत्र पूरन सिंह उर्फ दुर्विजय मेहता ट्रांसपोर्ट कंपनी दिल्ली का ट्रक चलाता था। इसी कंपनी के ट्रक को चचेरा भाई शैलेष और पड़ोसी दोस्त देवेंद्र और अखिलेश भी चलाते हैं। चारों ने दिल्ली से छत्तीसगढ़ के लिए परचून का सामान लोड कराया था। शुक्रवार को वे चारों चालक अलग-अलग ट्रक लेकर गांव पहुंचे और यह घर पर रुके। फिर शाम होने पर सभी एक साथ घर से निकले।
सबसे आगे था रिंकू का ट्रक
मरने वाले ट्रक चालक के चचेरे भाई शैलेष ने बताया कि हम सभी लोगों ने करीब आठ बजे बेवर में एक होटल पर खाना खाया और फिर साथ-साथ निकले। सबसे आगे रिंकू चल रहा था। बाकी ट्रक उसके पीछे थे। अचानक घिलोई गांव में रिंकू का ट्रक धमाके के साथ रुक गया। शैलेष ने अपना ट्रक रोका और पास जाकर देखा तो बस से भिड़ चुका था। केबिन में देखा तो रिंकू चालक सीट पर बेहोश था, हादसे में उसके सिर पर चोट लगी थी। शैलेष ने साथी चालकों को आवाज देकर मदद के लिए बुलाया ही था कि एक साथ ट्रक और बस में आग लग गई। उसने और दोस्तों ने रिंकू को बाहर निकालने की काफी कोशिश की पर सफल नहीं हुए। वह आंखों के सामने जलकर राख हो गया।
बुखार के कारण बच गया क्लीनर
रिंकू के साथ ट्रक पर क्लीनर का काम करने वाला उसका पड़ोसी अरवेश बुखार होने के कारण बच गया। शुक्रवार शाम को जब रिंकू और अरवेश ट्रक लेकर निकल रहे थे तो सीट पर बैठने के बाद अचानक अरवेश ने कहा कि उसे सर्दी लग रही है, पता चला कि उसे बुखार है। रिंकू ने उसे गांव में आराम करने के लिए कहा और वह अरवेश घर पर रुक गया। इससे उसकी जान बच गई।
दमकलकर्मियों पर लगे आरोप
मारे गए ट्रक चालक रिंकू के चचेरे भाई शैलेष ने बताया कि हादसे के करीब एक घंटे बाद दमकल की गाड़ी मौके पर पहुंची थी। कर्मियों ने बस पर तो पानी की बौछार मारी, ट्रक में फंसे भाई पर एक बूंद पानी नहीं फेंका। अगर दमकल टीम ने ट्रक की आग बुझाई होती तो शायद भाई की लाश मिल जाती। जब आग बुझी तो मौके पर सिर्फ राख का ढेर था, और हड्डियां ही बिखरी थीं।

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