यह खतरनाक बीमारी रिके टशिया सुसुगामूशी नामक बैक्टीरिया से होती है। यह बैक्टीरिया माइट के लार्वा से फैलता है। इस रोग को फैलाने वाली पिस्सू प्रजाति की यह माइट खेतों के चूहों और झाडिय़ों में रहती है। माइट के लार्वा में यह बैक्टीरिया रहता है। लार्वा के काटने पर यह संक्रमण फैल जाता है।
स्क्रब टाइफस नामक इस रोग में बुखार के साथ सिरदर्द भी होता है। इसके अलावा मरीज के शरीर में तेज दर्द और खांसी के साथ पेट खराब हो जाता है। लार्वा के काटने के स्थान पर चकत्ते पड़ जाते हैं और शरीर में खून का रिसाव होने लगता है और नसों में खून जम जाता है।
इस रोग का शरीर पर असर होते ही सबसे पहला हमला लिवर पर होता है और फिर इसके बाद दिल इसका शिकार बनता है। रोगी का हार्टफेल हो जाता है। बिना इलाज के यह रोग जानलेवा साबित होता है। अगर समय पर इलाज शुरू करा दिया जाए तो एंटीबायोटिक काफी असरकारक होता है।
स्क्रब टाइफस से बचाव के लिए खेतों और झाडिय़ों से दूर रहें। अगर उनके नजदीक जाने पर लाल चकत्ते पड़ जाएं तो बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अलावा घरों की चहारदीवारी के नजदीक झाडिय़ों को पानी से धोते रहें। घर के बाहर जहंा झाड़ी हो और नमी रहती हो तो वहां पर सफाई रखें।