कानपुर

3 साल से शिव मंदिर में दलितों के प्रवेश पर रोक

नरवल तहसील के सर्वांगपुर गांव का मामला, यहां एक दबंग ने तीन साल पहले दलितों को सुना दिया था अपना फैसला, शिकायत के बाद नहीं हुई कार्रवाई।

कानपुरDec 15, 2018 / 01:18 am

Vinod Nigam

3 साल से शिव मंदिर में दलितों के प्रवेश पर रोक

कानपुर। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्थान की एक चुनावी सभा में भगवान हनुमान को दलित समाज का बताया था, जिसके चलते पूरे देश की सियासत गर्म हो गई। दलित समाज से जुड़े संगठनों ने मंदिरों में कब्जे शुरू कर दिए तो सवर्ण समाज के लोग सीएम के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया था। लेकिन ,योगी के राज में ही दलित समाज आज भी कई तरह के प्रतिबंद झेल रहा है। ऐसा ही एक मामला कानपुर के नरवल तहसील में सामने आया है। यहां पर दलित वर्ग के लोगों को एक प्राचीन शिवमंदिर में प्रवेश पर पिछले तीन साल से रोक है। जो भी इसके खिलाफ आवाज उठाता है तो गांव के दबंग उन्हें पीटकर घर से बेघर कर देते हैं। पुलिस मं शिकायत के बाद भी दबंगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती।

पूजा-पाठ पर रोक
नर्वल तहसील के अंतर्गत आने वाले गांव सर्वांगपुर में एक एतिहासिक शिवमंदिर है। आरोप है कि गांव में रहने वाले दलित समाज के लोगों को पिछले तीन सालों से मंदिर के अंदर जाने पर गांव के दबंगों ने रोक लगाई हुई है। गावं के रामदास पासवान ने बताया कि दबंग हरेन्द्र के अलावा एक दर्जन अन्य लोगों ने तीन साल पहले अचानक दलितों को इस शिव मंदिर में पूजा-पाठ के अलावा प्रवेश पर रोक लगा दी। इतना ही नहीं दबंगों ने इस शिव मंदिर के मुख्य द्वार पर ताला भी लगा दिया है। हरेंद्र व उसके साथी सुबह के वक्त मंदिर का गेट खोलते हैं और अपकॉस्ट समाज के भक्त पूजा-पाठ करते हैं। उनके जाने के बाद मंदिर बंद कर दिया जाता है।

बांध कर पीटा
ग्रामीण मोहनलाल ने बताया कि मंदिर में दलित वर्ग के पुरूष, महिलाओं के अलावा बच्चों बच्चों के प्रवेश पर भी प्रतिबन्ध लगा दिया गया है। मोहनलाल के मुताबिक हरेन्द्र का गांव में रूतबा है और इसके सामने कोई भी बोलने से डरता है। मंदिर पर पूजा-पाठ के लिए हमलोग एकबार गए तो हरेंद और इसके साथियों ने हमें पकड़ लिया और पेड़ में मुझें बांध कर पीटा। किसी तरह से मैं इनके चंगुल से छूटा और पुलिस के पास गया, पर कार्रवाई नहीं हुई। जानकारी होने पर हरेंद्र ने फिर से मुझे घर से उठवा लिया और धमकी दी कि यदि दोबारा पुलिस के पास गए तो इस दुनिया से उठा दूंगा। इसी के बाद कोई भी दलित समाज का व्यक्ति मंदिर नहीं जाता।

प्रधान को भी पीटा
मोहनलाल ने बताया कि गांव के प्रधान को हमलोगों ने बताया तो उन्होंने हरेंद्र का विरोध किया तो उनको भी पीटा और जान से मारने कि धमकी दी। वहीं कुछ दलित ग्रामीणों ने बताया कि इसकी शिकायत इन लोगों ने पुलिस प्रशासन से लेकर जिलाधिकारी तक कर चुके है, मगर कोई फ़ायदा ही नहीं हुआ। दलित समाज के लोगों के मुताबिक़ पुलिस में एक बार नहीं करीब दर्जनों बार शिकायत कि जा चुकी है मगर पुलिस ने कभी यहां आने कि जहमत नहीं उठाती। मोहनलाल ने बताया कि मंदिर से कुछ दूरी पर महिलाएं पूजा-पाठ कर मन्नत मांगती हैं।

मंदिर को ढहाने की फिराक में हरेंद्र
ग्रामीणों ने बताया कि जब हमलोगों ने सीएम योगी से शिकायत से करनी की बात कही तो हरेंद्र ने मंदिर को गिरवाने की धमकी दे डाली। ग्रामीणों की मानें तो हरेंद्र मंदिर को गिराकर जमीन पर मकान के निर्माण की फिराक में है। मामले पर जब महाराजपुर इंस्पेक्टर से बात की गई तो उन्होंने कहा मेरी जानकारी में ऐसा कोई मामला नहीं है। जबकि मोहनलाल ने कहा कि एक बार नहीं दर्जनों दफा डीएम, एसडीएम, एसएसपी के पास शिकायत की जा चुकी है पर आज तक कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीण आरोप लगाया कि हरेंद्र के सिर पर एक भाजपा के नेता का हाथ है और इसी के कारण पुलिस कार्रवाई करने से बच रही है।

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