1 जुलाई 2024 से आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता लागू हो रही है। जिसके अंतर्गत लोगों को जागरूक करने का कार्य भी किया जा रहा है। अलग-अलग स्थानों पर भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के विषय में बताने के लिए गोष्ठी की जा रही है। कानपुर कमिश्नरेट पुलिस काफी समय से लोगों को भारतीय न्याय संहिता के विषय में जानकारी दे रही है।
क्या कहते हैं पुलिस उपायुक्त पश्चिम?
पुलिस उपायुक्त, पश्चिम विजय ढुल ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता 2023 के अंतर्गत कानपुर नगर में प्रथम मुकदमा धारा 79 / 296 बीएनएस के अंतर्गत दर्ज किया गया है। यह मुकदमा एंटी रोमियो टीम ने कल्याणपुर पुलिस थाना में दर्ज कराया है। आरोपी राजकुमार पुत्र लक्ष्मी नारायण निवासी अशोक नगर थाना कल्याणपुर को महिलाओं के साथ अश्वनीय अश्लील शब्दों का इस्तेमाल करने को लेकर मुकदमा दर्ज किया गया है। जिसे गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
पुलिस आयुक्त की अध्यक्षता में गोष्ठी का आयोजन
किसी संबंध में पुलिस कार्यालय स्थित सभागार में गोष्ठी आयोजित की गई। जिसमें भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के बारे में जानकारी दी गई। इस मौके पर पुलिस आयुक्त अखिल कुमार अपर पुलिस आयुक्त अपराध विपिन कुमार मिश्रा अपर पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था हरीश चंदर सहित अन्य अधिकारी गण मौजूद थे। भारत सरकार ने गजट जारी कर बताया था कि 1 जुलाई से आईपीसी, सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 लागू की गई है।