इसके बाद उन्होंने जनपद इकाइयों के अंतर्गत आने वाले मंडलों के प्रभारियों की बैठक की गई। फिर कानपुर उत्तर जिला, दक्षिण जिला, ग्रामीण और कानपुर देहात की बैठक हुई। इसमें जिला इकाई के अध्यक्ष भी बैठे। मंडलों के प्रभारी कानपुर क्षेत्र के पदाधिकारियों को बनाया गया है। बैठक के दौरान उन्होंने एक-एक मंडल के प्रभारी को उठाकर पूछा कि उसने कोरोना काल के दौरान सितंबर, अक्टूबर, नवंबर में अब तक कितनी बैठकें अपने मंडल में की। इन बैठकों में आने वाले पदाधिकारियों की जानकारी ली।
कई पदाधिकारी उनके सवालों के जवाब नहीं दे सके। एक पदाधिकारी से उन्होंने यहां तक पूछा कि मंडल की कार्यसमिति में कितने लोग होते हैं, जिस बैठक को उन्होंने किया उसका संचालन किसने किया और क्या उस कार्रवाई को रजिस्टर में दर्ज किया गया। मंडल प्रभारी ने जब रजिस्टर में कार्यवाही दर्ज करने की बात कही तो उन्होंने उस रजिस्टर तक का नाम पूंछ लिया। पदाधिकारियों के मुताबिक संगठन 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए मंडलों को अभी से मजबूत करना चाहता है, इसलिए यह बैठक बुलाई गई। जिन प्रभारियों के बारे में लगेगा कि उन्होंने मंडलों की बैठक को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई, उन्हेंं हटाया भी जा सकता है।