scriptनेहा सिंह राठौर के समर्थन में उतरी अधिकार सेना लीगल विंग, DGP को पत्र भेजकर नोटिस पर खड़े किए सवाल | Adhikar Sena legal wing came out in support of Neha Singh Rathore, raised questions on notice by sending letter to DGP | Patrika News
कानपुर

नेहा सिंह राठौर के समर्थन में उतरी अधिकार सेना लीगल विंग, DGP को पत्र भेजकर नोटिस पर खड़े किए सवाल

Neha Singh Rathore: अधिकार सेना के लीगल विंग ने नेहा सिंह राठौर को भेजे गए नोटिस को गैर-क़ानूनी बताया है। वही डीजीपी को पत्र भेज निष्पक्ष जांच व कार्यवाही की मांग की है।

कानपुरFeb 25, 2023 / 09:05 am

Avanish Kumar

नेहा सिंह राठौर के समर्थन में उतरी अधिकार सेना लीगल विंग, DGP को पत्र भेजकर नोटिस पर खड़े किए सवाल

नेहा सिंह राठौर के समर्थन में उतरी अधिकार सेना लीगल विंग, DGP को पत्र भेजकर नोटिस पर खड़े किए सवाल

Neha Singh Rathore: अधिकार सेना के लीगल विंग ने कानपुर देहात पुलिस द्वारा कवयित्री नेहा सिंह राठौर को धारा 160 सीआरपीसी में भेजे गए नोटिस को गैर-क़ानूनी बताया है।

जिसको लेकर अधिकार सेना की लीगल विंग की अध्यक्ष डॉ. नूतन ठाकुर ने डीजीपी उत्तर प्रदेश को एक शिकायती पत्र दिया है।
शिकायती पत्र के माध्यम से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग करते हुए कानपुर देहात के अकबरपुर थाना प्रभारी पर नियमानुसार कड़ी कार्यवाही की मांग की है.

प्रभारी निरीक्षक पर की जाए कार्यवाही
अधिकार सेना लीगल विंग अध्यक्ष डॉ. नूतन ठाकुर द्वारा डीजीपी उत्तर प्रदेश को भेजी शिकायत में कहा गया है कि धारा 160 सीआरपीसी किसी पुलिस अफसर को विवेचना के दौरान किसी गवाह को बुलाए जाने की शक्ति से संबंधित है।
इस नोटिस में किसी भी एफआईआर का उल्लेख नहीं है। जिससे स्पष्ट है कि यह नोटिस किसी विवेचना के संबंध में नहीं है। बल्कि इसमें एक वीडियो के संदर्भ में तमाम प्रश्न पूछे गए है। उन्होंने कहा कि यह नोटिस घोर प्रशासनिक दुराचार व आपराधिक कृत्य दिखता है।
डॉ. नूतन ठाकुर पत्र ने डीजीपी उत्तर प्रदेश से नोटिस भेजने वाले प्रभारी निरीक्षक के विरुद्ध नियमानुसार समस्त आवश्यक वैधानिक और प्रशासनिक कार्रवाई कराए जाने की मांग की है।

अधिकारों का किया दुरुपयोग
अधिकार सेना लीगल विंग अध्यक्ष डॉ. नूतन ठाकुर ने बताया कि नेहा सिंह राठौर को जारी नोटिस में किसी भी एफआईआर का उल्लेख नहीं है।

जिससे स्पष्ट है कि यह नोटिस किसी एफआईआर की विवेचना के संबंध में नहीं है। इसके उलट इस प्रकरण में एक वीडियो के संदर्भ में तमाम प्रश्न पूछे गए है।
यह नोटिस प्रथमदृष्टया एक घोर प्रशासनिक दुराचार तथा विधि के प्रावधानों का स्पष्ट दुरुपयोग करते हुए आम नागरिक में भय उत्पन्न करने का एक आपराधिक दुष्कृत्य दिखता है।

योगी सरकार व डीएम पर साधा था निशाना
कानपुर देहात में 13 फरवरी को मां बेटी की झोपड़ी के अंदर जलकर दर्दनाक हुई मौत के बाद नेहा सिंह राठौर ने योगी सरकार और डीएम कानपुर देहात पर सवाल खड़े करते हुए एक गीत गाया था।
गीत में नेहा सिंह राठौर ने कहा था कि “बाबा के दरबार में घर बार ढह रहे हैं, मां-बेटी को आग में झोंका जा रहा है। “बुलडोजर से दीक्षित परिवार को रौंदा जा रहा है।
यूपी में का बा बाबा की डीएम तो बड़ी रंगबाज बा, कानपुर देहात में ले आई राम राज बा. बुलडोजर से रौंदते दीक्षित के घर बार बा ।

यही बुलडोजर पर बाबा के नाज बा.” इसके साथ अधिकारियों और लोकतंत्र पर सवाल खड़े करते हुए नेहा ने योगी सरकार पर भी निशाना साधा था।
जिसके बाद कानपुर देहात पुलिस ने धारा 160 सीआरपीसी के तहत गाने को लेकर नोटिस जारी करते हुए 7 सवाल पूछे थे। जिनका जवाब 3 दिनों के अंदर नेहा सिंह राठौर को देना था।

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