उत्तर प्रदेश के कन्नौज के सतौरा गांव निवासी अली अहमद और उसके पुत्र असद अहमद अलग-अलग मदरसा का संचालन करते थे। दोनों ही मदरसे सतौरा गांव में संचालित है। जो फलाह दारेन साविरी और निस्वा दारेन साविरी के नाम से चल रहे हैं। जांच में निकल कर सामने आया कि मदरसों का बैंक अकाउंट आइसीआइसीआइ बैंक में है। जो मदरसा शिक्षा परिषद की गाइडलाइन के विपरीत है।
इंदौर पुलिस के आने के बाद ठगी का खुलासा हुआ
इंदौर पुलिस ने अली अहमद और उसके पुत्र असद अहमद को गिरफ्तार किया है। जिनके खिलाफ डिजिटल अरेस्ट करके डेढ़ करोड़ रुपये ठगी करने का मुकदमा दर्ज किया गया था। ठगी का पैसा आइसीआइसीआइ बैंक के इसी अकाउंट में आता था। इसके बाद वादे के मुताबिक हिस्सा साइबर ठगों के खाते में रकम ट्रांसफर किया जाता था।
क्या कहते हैं अल्पसंख्यक अधिकारी?
अल्पसंख्यक अधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि मदरसा के खिलाफ जांच के लिए कमेटी बनाई गई। जांच में निकाल कर सामने आया कि दोनों मदरसों का बैंक अकाउंट प्राइवेट बैंक में है। जो मदरसा परिषद की गाइडलाइन के विपरीत है। मदरसे के अकाउंट में धोखाधड़ी के पैसे का लेनदेन करना भी अपराध है। इस मामले में जांच रिपोर्ट मदरसा शिक्षा परिषद को भेजी गई है। जिसमें दोनों की मान्यता रद्द करने की संस्तुति की गई है।