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कांकेर

लाल आतंक: नहीं थम रहा नक्सलियों का उत्पात, एक और ग्रामीण को मौत के घाट उतारा

Naxalites killed the villager: नक्सली आए दिन किसी न किसी तरह से उत्पात मचाते रहते हैं। कभी कहीं पर आगजनी जैसे वारदातों को अंजाम देते हैं तो कभी कहीं पर विस्फोट कर देते हैं। कभी किसी ग्रामीण को भी मुखबिरी के शक में मार डालते हैं। इसी बीच अब कांकेर जिले से एक खबर सामने आई है

कांकेरNov 16, 2022 / 01:18 pm

CG Desk

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file photo

Naxalites killed the villager: नक्सली आए दिन किसी न किसी तरह से उत्पात मचाते रहते हैं। कभी कहीं पर आगजनी जैसे वारदातों को अंजाम देते हैं तो कभी कहीं पर विस्फोट कर देते हैं। कभी किसी ग्रामीण को भी मुखबिरी के शक में मार डालते हैं। इसी बीच अब कांकेर जिले से एक खबर सामने आई है। नक्सलियों ने यहाँ के ग्राम हुर्रापिंजोडी में एक ग्रामीण की हत्या कर दी है। मामला आमाबेड़ा थाना क्षेत्र का है।
बताया जा रहा है कि मृतक गाँव के ही सरपंच का भाई था। नक्सलियों ने बीती रात को ही घटना को अंजाम दिया है। जानकारी मिलने के बाद पुलिस तत्काल घटनास्थल के लिए रवाना हुई हैं। पुलिस अधीक्षक शलभ कुमार सिन्हा ने घटना की पुष्टि की है।
जानकारी के लिए बता दें कि नक्सलियों ने ऐसी ही कई घटनाओं को पहले भी अंजाम दिया है। पीएलजीए की 22 वीं वर्षगांठ पर एक बुकलेट जारी किया गया है जिसमें यह दावा किया गया है कि नक्सलियों ने पिछले 5 सालों में 409 लोगों को मुखबिरी के शक में मार डाला है।
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नक्सलियों को वर्ष 2022 में सर्वाधिक नुक्सान गढ़चिरौली मुठभेड़ में हुआ है, जहां महाराष्ट्र के सी-60 कमांडो से हुई मुठभेड़ में एक केंद्रीय कमेटी सदस्य मिलिंद तेलतुंबडे सहित 28 नक्सली मारे गए थे। वहीं पिछले पांच वर्षो में नक्सलियों ने 409 लोगों पर मुखबिरी का आरोप लगाकर जान से मारने का दावा किया है। उक्त स्वीकारोक्ति नक्सलियों ने अपनी एक बुकलेट में किया है। यह दस्तावेज नक्सलियों ने अपने सैन्य संगठन पीएलजीए की 22 वीं वर्षगांठ, जिसे उन्होंने 2 से 8 दिसंबर के मध्य मनाने की बात कही है। उसी के तारतम्य में इस बुकलेट को जारी किया है।
एक साल में 137 की हत्या की जिम्मेदारी ली
नक्सलियों ने अपने दस्तावेज में यह दावा भी किया है कि वर्ष 2021-22 के दौरान उन्होंने 51 सलवा जुडूम,40 नेताओं तथा 46 जनविरोधी नेताओं की हत्या की है। इसके अलावा इस दौरान मुठभेड़ और बीमारी से 132 नक्सली नेताओं की मौत भी हुई है। दंडकारण्य में नक्सलियों को सर्वाधिक नुकसान हुआ है। एक साल में यहां 89 नक्सली मारे गए है। पांच सालो में नक्सलियों ने 1300 हमले, 300 से अधिक आगजनी तथा 429 जवानों की हत्या का भी दावा किया है। इस बाबत नक्सलियों ने हिंदी, गोंडी और तेलुगु में अलग-अलग बुकलेट जारी किया है।

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