Kanker News: तीन माह से स्कूल का हैंडपंप है खराब, बच्चों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा..
Kanker News: कांकेर शहर से सटे सिगांरभाट में प्राथमिक शाला का हाल बेहाल है। गर्मी के दिनों से स्कूल का हेडपंप खराब पड़ा है जिसकी आजतक मरम्मत नहीं हो पाई है। टायलेट के लिए बच्चों को पानी नासीब नहीं हो रहा है।
Kanker News: छत्तीसगढ़ के कांकेर शहर से सटे सिगांरभाट में प्राथमिक शाला का हाल बेहाल है। गर्मी के दिनों से स्कूल का हेडपंप खराब पड़ा है जिसकी आजतक मरम्मत नहीं हो पाई है। स्कूली बच्चो को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। टायलेट के लिए बच्चों को पानी नासीब नहीं हो रहा है। माध्यान भोजन खाने के लिए बच्चें घरो से पानी बाटल लेकर आते है वो भी भोजन करने से पहले खत्म हो जाता है। कई बार सरपंच सचिव को हेडपंप खराब होने के बारे में अवगत कराया गया परंतु समस्या का हल नहीं हो पाया है। पानी की सुविधा नहीं होने से माध्यान भोजन बाहर से बना कर लाते है।
Kanker News: शहर से सटे ग्राम सिगांरभाट डुमरपारा के नेशनल हाइवे में स्थित प्राथमिक शाला का हाल बेहाल है। बच्चों के परिजनों ने स्कूल की समस्या के बारे बताया कि एक हेडपंप है जो जून माह से खराब पड़ा हुआ है। जूलाई माह में जब स्कूल खोला गया और बच्चे स्कूल जाना प्रराभं किया तो हेडपंप खराब होने के चलते बच्चो को पेयजल के लिए परेशानी होने लगी। परिजनो ने स्कूल के स्टाफ ने सरपंच पन्ना लाल ठाकुर को समस्या से अवगत कराया परंतु सरपंच सचिव द्वारा आज करेगे कल करेगे बोल कर बात को टाल दिया जाता है।
Kanker News:स़विधा नहीं होने के कारण बच्चो को होती है दिक्कत
वर्तमान में हेडपंप खराब होने से बच्चों को पेयजल के लिए समस्या हो रही है। बच्चे स्कूल के आसपास पानी के लिए भटकते है तब जाकर बच्चों को पानी नासीब हो पाता है। पानी की स़विधा नहीं होने के कारण बच्चे दुसरे के यहां टायलेट करने जाते है। माध्यान भोजन स्कूल से कुछ दूर मीडिल स्कूल में बनाया जाता है। भोजन करने के बाद बच्चों को प्लेट धोने के लिए स्कूल से बाहर जाना पड़ता है। ऐसे में स्कूली बच्चों को पेयजल के आलावा अन्य कार्य के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है।
मध्याह्न भोजन बनाने में दिक्कत: स्कूल में माध्यान भोजन बनाने वाली मगली बाई ने बताया की मीडिल स्कूल और प्राथमिक स्कूल का माध्यान भोजन बनाने का कार्य महिला स्वयं सहायता समूह ने लिया है। प्राथमिक शाला डुमरपारा में पानी की सूविधा नही होने के चलते वहां का माध्यान भोजन को भी मीडिल स्कूल में बना कर स्कूल में लाया जाता है और बच्चों को वितरण किया जाता है। वही स्कूल मेें पानी की समस्या होने पर कई बार बच्चो का पत्तल से भी भोजन कराया जाता है ताकि भोजन करने के बाद बच्चो को प्लेट धोने के लिए यहा वहां भटकना न पडे।
पानी टैंकर की सुविधा भी नहीं हो पा रही: गांव में पानी टेकर की सुविधा है पर इस वर्ष स्कूल खूले लगभग चार माह बीत चुके है जब से स्कूल खुला है तब से स्कूल का हेडपंप खराब पड़ा है। न खराब हेडपंप को मरम्मत कराया गया और ना ही पानी की समस्या को दूर करने पानी टेकर भेजा गया है। जबकि रोजाना पानी टेकर स्कूल भेज कर पानी की समस्या को दूर किया जा सकता था परंतु ऐसा नहीं किया गया।
टॉयलेट में भारी बदबू
पानी की सूविधा नही होने के कारण टायलेट की सफाई नहीं हो रही जिसके चलते गंदी बदबू आ रही है। टायलेट इस्तेमाल करना तो दूर नजदीक तक जाना मुनाशिब नहीं है। ऐसे में बच्चे व स्कूली स्टाफ कैसे टायलेट जा पाएगें। स्वीपर का कहना है कि पानी की सुविधा नहीं होने के कारण वह दो चार बाल्टी पानी स्कूल से बाहर एक किमी दूर से भरकर लाता है वो भी दैनिक उपयोग में खत्म हो जाता है। टायलेट साफ करने के लिए पानी की सूविधा नहीं है जिसके कारण वह टायलेट साफ नहीं कर पा रहा है।
दुर्घटना की आशंका
प्राथमिक शाल डुमरपारा नेशनल हाइवे 30 से लगा हुआ है और बच्चे पानी की सूविधा नहीं होने के कारण बार बार स्कूल से बाहर पानी के लिए जाते है। नेशनल हाइवे होने के कारण हर समय हाइवे में बडी गाड़ियों का आना जाना लगा रहता है। वहीं बच्चें माध्यान भोजन छुटटी के बाद नेशनल हाइवे से होते हुए ही पानी के लिए भटकते रहते है ऐसे में सड़क हादसा होने का खतरा बना रहता है। हालांकि अभीतक ऐसी कोइ घटना नहीं घटी परंतु ऐसा ही हाल रहा तो दुर्घटना कभी भी घट सकती है।
बाउंड्रीवॉल की दीवार भसक गई
स्कूल का बाड्रीवाल किए दिवाल कई वर्षो से भसक कर गिरा पडा है जगह जगह दीवाल टूट कर गिरे पड़ी है। स्कूल स्टाफ कई बार इसकी शिकायत की है परंतु आज तक दीवाल की मरम्मत कार्य नहीं किया है। दीवाल गिरे होने से जंगली जानवरों का स्कूल में घुसने का खतरा भी बना रहता है। स्कूल के हेडमास्टर ने राजेन्द्र वटी ने बताया कि वह बाउंड्रीवाल के लिए कई बार आवेदन कर चुके पर अभीतक बाउंड्रीवाल नहीं किया गया है।
महिला शिक्षकों को हो रही परेशानी
प्राथमिक शाला डुमरपारा सिगांरभाट में पहेली कक्षा से लेकर पांचवी कक्षा तक कुल 18 बच्चे है जिनके लिए तीन शिक्षक है। जिसमें दो महिला शिक्षक और एक पुरूष शिक्षक हेडमास्टर है। स्कूल को हेडपंप खराब होने के कारण महिला शिक्षको को टायलेट जाने के लिए काफी परेशानी होती है। महिला शिक्षको ने बताया कि स्कूल में पानी की सुविधा नहीं होने के कारण टायलेट के लिए स्कूल के पास लगे एक घर में जाते है।
स्कूल के हेडपंप के अदंर पाइप टूट कर नीचे गिर गया है जिस कारण बोरिगं में पाइप नीचे नहीं जा पा रहा है। जिसका मरम्मत कार्य सभंव नही है इसलिए हमने समस्या को देखते हुए पीएचई विभाग को नए बोरिंग करने के लिए आवेदन कर दिया है। जल्द ही नए बोरिग कर पानी की समस्या को बहाल किया जाएगा।
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