भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना को सात करोड़ से अधिक की चपत लगाई गई। इस अनियमितता के शिकायत की जांच सही पाए जाने के चलते अब बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित चार सदस्य को कारखाना से हटाया जाएगा। इसके लिए आदेश जारी हो चुका है। वहीं नवंबर 2017 में पंडरिया स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना में पेराई सीजन प्रारंभ होते ही भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना के कार्य क्षेत्र का विभाजन हो गया। जिसके चलते पांच संचालक सदस्य और ४६ डेलीगेट्स का कार्यक्षेत्र भी भोरमदेव शक्कर कारखाना से पंडरिया के शक्कर कारखाना स्थानांतरित हो गए।
फरवरी २०१९ में यहां बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के पांच सदस्य को अयोग्य/अपात्र घोषित किया गया। इसके चलते बोर्ड ऑफ डॉयरेक्टर के पांच सदस्य और ४६ डेलीगेट्स के पद खाली पड़े हैं। अब तक २१ जनवरी तक अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और चार सदस्य को हटाने की प्रक्रिया की जाएगी। ऐसे में संचालक मंडम में केवल छह सदस्य ही रह जाएंगे, ऐसे में इसे भंग किया जाएगा। मतलब संचालक मंडल के लिए फिर से चुनाव हो सकते हैं।
कम्प्यूटर आपरेटर पर दबाव डालकर गन्ना निती का उल्लंघन करते हुए कृषकों के गन्ना पर्ची के डेट का अपडेशन कराया गया। इसी तरह कारखाने के उपाध्यक्ष द्वारा नया आईडी बनवाया गया। संचालक सदस्य द्वारा नया आईडी बनवाया गया और गन्ना पर्ची में डेट का अपडेशन करवाया गया। इसकी शिकायत हुई।