scriptबेटी ने निभाया बेटा का फर्ज, पिता की चिता को मुखाग्नि देकर किया अंतिम संस्कार | Father's death, daughter performed last rites Kanker News | Patrika News
कांकेर

बेटी ने निभाया बेटा का फर्ज, पिता की चिता को मुखाग्नि देकर किया अंतिम संस्कार

Kanker News: पिता की चिता में मुखाग्नि सिर्फ बेटा ही दे सकता है, बेटियां चिता को आग नहीं लगा सकती हैं। एक बेटी ने पिता की अर्थी को कंधा लगाया और मुखाग्नि देकर बेटा का फर्ज निभाया।

कांकेरJun 26, 2023 / 08:19 pm

Khyati Parihar

Father's death, daughter performed last rites

बेटी ने पिता की चिता को मुखाग्नि देकर किया अंतिम संस्कार

Chhattisgarh News: कांकेर। पिता की चिता में मुखाग्नि सिर्फ बेटा ही दे सकता है, बेटियां चिता को आग नहीं लगा सकती हैं। इस सामाजिक सोच से उपर उठकर गांव की एक बेटी ने पिता की अर्थी को कंधा लगाया और मुखाग्नि देकर बेटा का फर्ज निभाया। अंतिम संस्कार की सारी रस्में खुद निभाई। समाज की रूढ़ीवादिता से उपर उठकर बेटी ने समाज को अहसास करा दिया कि बेटा और बेटी में कोई फर्क नहीं होता है। अंतिम संस्कार की इस कार्यक्रम में साहू समाज व ग्रामीण उनके साथ कंधे से कंधे मिलाकर खड़े थे।
जिला मुख्यालय से महज 4 किमी दूर ग्राम पंचायत दसपुर में बीती रात एक सेवानिवृत्त पुलिस विभाग के कर्मचारी सराधु राम साहू की लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। साहू के दो बेटे भी थे। उनका भरा पूरा परिवार था। दोनों बेटे व बेटी का विवाह भी कर दिया। लेकिन इस दौरान बीमारी के चलते पहले बड़े बेटे का निधन हो गया। कुछ वर्षों बाद छोटे बेटे का भी निधन हो गया। अब माता पिता को सहारा देने के लिए कोई नहीं था। बड़ी बहू ने घर संभाला और बेटे का फर्ज निभाते उनकी सेवा किया।
यह भी पढ़ें

CG Politics: कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं के साथ की बैठक, चुनाव तैयारी के लिए किया रिचार्ज

बेटी ने किया अंतिम संस्कार

दो साल पहले बीमारी के चलते वे बिस्तर पकड़ लिए, अंत में 75 वर्ष की उम्र में रात में निधन हो गया। बेटे नहीं तो समाज के सामने सवाल खड़ा हुआ कि चिता को मुखाग्नि कौन देगा। इस समय बेटी सविता सोन निवासी फरसियां नातिन ममता साहू और नाती किशन साहू इस रस्म को निभाने के लिए सामने आई। उन्होंने न सिर्फ अपने पिता को कंधा दिया बल्कि महानदी तट पर बने श्मशान घाट में समाज व परिजनों की उपिस्थति में अंतिम संस्कार की रस्म निभाते हुए मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया।
यह भी पढ़ें

जिला रोजगार कार्यालय में पंजीयन कराने के लिए युवाओं की उमड़ रही भीड़, अव्यवस्था से बढ़ा रोष

रूढ़ीवादी परंपरा को छोड़ सभी कर्मों को निभाने अब बेटियां आ रहीं आगेे

इस दौरान बेटी सविता सोन ने बताया कि पहले का समय और था जब रूढ़ीवादी परंपरा के चलते बेटियों को चिता में आग लगाने की इजाजत नहीं थी। समाज की रूढ़ीवादी परंपरा टूट रही है, जिस घर में बेटे नहीं है, वहां पर बेटियां अपने माता पिता को न सिर्फ कंधा दे रहीं है। अंतिम संस्कार की इस कार्यक्रम में साहू समाज व बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे। ग्राम पंचायत दसपुर में यह पहला मामला था जब किसी बेटी ने अपने पिता को मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया।

Hindi News/ Kanker / बेटी ने निभाया बेटा का फर्ज, पिता की चिता को मुखाग्नि देकर किया अंतिम संस्कार

ट्रेंडिंग वीडियो