मतदाताओं का मन जानने शहर से करीब 8 किमी दूर ग्राम पंचायत बेवरती पहुंचा, तो चाय की दुकान पर कुछ किसान मिल गए। सरजू प्रसाद कहने लगे कि यहां कि सबसे बड़ी समस्या नहर की है। चार दशक पहले नहर बनी थी, लेकिन पानी आज तक नहीं आया। ऐसे में किसान कैसे खेती करेंगे। सरजूराम कावड़े कहने लगे कि क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और सरकार दुधावा नहर पर ध्यान नहीं दे रही है। पक्की नहर के लिए आंदोलन किया, लेकिन आज तक नहीं बन सकी। पल्टूराम साहू कहने लगे कि किसानों की अनदेखी हो रही है। सरकार धान खरीदी तो कर रही, लेकिन जब सिंचाई की सुविधा नहीं रहेगी, तो खेती कैसे करेंगे। लखन नेताम का कहना है, किसान अब नहर पाटना शुरू कर दिए हैं। पानी आता तो गांव में 500 हेक्टेयर में सिंचाई की सुविधा होती। मुनीभ राम नेताम, विष्णुराम उसेंडी और बन्नूराम मंडावी का कहना था कि विधानसभा चुनाव के बाद से हमारे गांव में अभी तक विधायक नहीं आए।
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नहर का मिला मुआवजा, लेकिन नक्शा नहीं कटा किसान धनश्याम यादव का कहना था कि सरकार ने चार दशक पहले दुधावा से दसपुर तक दाएं व बाएं तट नहर तो बनाई, लेकिन नक्शा आज तक नहीं कटा है। कुछ लोगों ने नहर पाटकर घर बना लिया। गर्मी में तालाबों का पानी सूख जाता है। सरकार गोठान तो बना रही है, लेकिन मवेशियों की प्यास बुझाने के लिए वहां पानी नहीं है।
किसानों ने कहा कि प्रदेश सरकार की नरवा-गरवा-घुरवा और बाड़ी योजना तो ठीक है, लेकिन इसका क्रियान्वयन गलत हो रहा है। सभी किसानों से गोबर खरीदी नहीं हो रही है। गेबियर और स्टॉपडेट-चेकडेम बनाने में भ्रष्टाचार हो रहा है। वर्मी कम्पोस्ट खाद किसानों को जबरन खरीदी के लिए कहा जा रहा है।
शराब से गांवों के युवाओं पर असर
दसपुर निवासी देवलाल साहू का कहना, सरकार ने शराबबंदी का वादा किया था, लेकिन अभी तक शराबबंदी नहीं हुई है। शराब के कारण गांवों के युवाओं पर विपरीत असर पड़ रहा है। शराब के कारण ही गांव में तमाम तरह की आपराधिक घटनाएं होने लगी हैं।
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इस सरकार की धान खरीदी योजना ठीकचंद्र प्रकाश मंडावी ने कहा, इस सरकार की धान खरीदी योजना ठीक है, लेकिन बोनस का पैसा एक साथ आता तो किसानों के किसी काम में आता। किस्त में पैसा देना ठीक नहीं है। कांग्रेस सरकार ने चुनाव से पहले वादा किया था कि किसानों की बिजली मुफ्त मिलेगी। अब 15-20 हजार का बिल भेजा जा रहा है। यह गलत है।