डूबते-डूबते ही उसने दोनों हाथ बाहर निकाले
डूबते-डूबते ही उसने दोनों हाथ बाहर निकाले और बचाने के लिए हवा में लहराने लगा। हाथ में मोबाइल भी पकड़ा हुआ था। आस-पास के लोगों ने हाथ लहराते देखे तो युवक के डूबने का अंदेशा हुआ। वो नाले में गिरा तो रास्ते से निकल रहे दो छात्रों ने पानी के अंदर छात्र के हाथ हिलते देखा। वो तुरंत छात्र को बचाने के लिए नाले के पास पहुंचे, लेकिन नाले के पास पानी का बहाव इतना ज्यादा था कि बचा रहे छात्र का पैर फिसल गया। इसके बाद वो पीछे हट गया ।
घटना की सूचना पुलिस को दी
घटना की सूचना पुलिस को दी गई, लेकिन पुलिस व निगम की टीम तकरीबन आधे घंटे बाद मौके पर पहुंची। मौके पर पहुंचने के बाद भी निगम के पास पुख्ता इंतजाम नहीं थे। निगम की टीम आसपास से लंबी लड़कियां मंगवाकर छात्र को ढूंढ रही थी। तब निगम के दो कर्मचारियों ने पानी के अंदर जाकर छात्र को बाहर निकाला। बाहर निकलते समय युवक की हालत काफी गंभीर हो गई थी। उसे तुरंत प्रभाव से मथुरा दास माथुर अस्पताल ले जाया गया।
डी-फ्रिज में करंट, शव दूसरी मोर्चरी शिफ्ट, एफआइआर नहीं
एमडीएम अस्पताल की मोर्चरी में बरसाती पानी जमा हो गया। बारिश की वजह से डी-फ्रिज में करंट प्रवाहित होने लग गया। जिसकी वजह से एएसआई भंवराराम ने रात में शव महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। देर रात तक कोई एफआइआर दर्ज नहीं करवाई गई। गांव से मृतक के परिजन के पहुंचने पर संभवत: एफआइआर दर्ज करवाई जाएगी।’