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जोधपुर

सैन्य अधिकारियों ने वीरान चट्टानों को चीर कर बना दिया मधुबन

एक दशक में तैयार किए दो हजार से अधिक पेड़

जोधपुरJun 05, 2018 / 04:05 pm

Jitendra Singh Rathore

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सैन्य अधिकारियों ने वीरान चट्टानों को चीर कर बना दिया मधुबन


सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों व प्रशिक्षु जवानों की मेहनत लाई रंग

विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष : मिसाल-बेमिसाल


जोधपुर . पर्यावरण संरक्षण को समर्पित सैन्य अधिकारियों ने पर्यावरण संरक्षण का अनूठा पेश किया है। बिना सरकारी आर्थिक सहायता के इन्होंने मंडोर रोड स्थित आरपीटीसी ट्रेनिंग सेन्टर के पीछे पहाडिय़ों से घिरी एक बंजर जमीन पर एक दशक में नीम, खेजड़ी, पीपल व कनेर समेत कई प्रजातियों के 2 हजार पेड़ लगा दिए। पुलिस जवानों व कमाण्डो को प्रशिक्षण देने वाले इन सैन्य अधिकारियों को किसी सम्मान की दरकार भी नहीं है।
नियमित करते हैं देखभाल
सेवानिवृत्त कैप्टन जबरसिंह ने पत्रिका को बताया कि मार्च 2008 में आरपीटीसी में प्रशिक्षण लेने वाले जवानों को ग्रीष्मकाल में होने वाली परेशानी को देखते हुए वीर चक्र प्राप्त सेवानिवृत्त वर्षीय मेजर दलवीरसिंह (70) ने क्षेत्र को हरा भरा करने का बीड़ा उठाया और खुद ही जुट गए। नीम, खेजड़ी, पीपल व कनेर समेत कई प्रजातियों के पेड़ों का बच्चों की तरह पालन पोषण करने वाले मेजर सिंह जब तक पेड़ों की देखभाल नहीं कर लेते तब तक भोजन नहीं करते।
प्रशिक्षु जवान भी करते हैं सहयोग

पर्यावरण संरक्षण के इस यज्ञ में आरपीटीसी व कमाण्डो ट्रेनिंग स्कूल के जवान भी नियमित तौर पर आहुति देते हैं। कैप्टन जबरसिंह ने बताया कि सेवानिवृत्त सूबेदार मेजर मालाराम, सूबेदार मेजर लूणसिंह, सूबेदार मेजर रमेशसिंह सुबह 5.30 बजे से ही वृक्षों के रखरखाव और उनकी संख्या में विस्तार के काम में जुट जाते हैं। एक दशक के दौरान जित ने भी अधिकारी और प्रिंसीपल आए उन्होंने भी वृक्षों के विस्तार में सहयोग किया।

गर्मी में लेते है टैंकर का सहारा

भीषण गर्मी में नीम, खेजड़ी, पीपल व कनेर समेत कई प्रजातियों के पेड़ों को पानी पिलाने के लिए पानी के एक टैंकर की व्यवस्था की गई है। बारिश के दौरान पहाडिय़ों से आने वाले पानी के संग्रहण के लिए सात अस्थाई कुण्ड बनाए गए हैं।

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