आईजी रेंज विकास कुमार ने बताया कि मूलत: बाड़मेर जिले में भैरूड़ी हाल सेड़वा थानान्तर्गत सोमाराड़ी गांव निवासी श्याम सुंदर उर्फ सांवराराम उर्फ सांवलाराम खिलेरी शातिर बदमाश है। वह एनडीपीएस एक्ट में सिरोही, सेड़वा व बाड़मेर जिले के धोरीमन्ना थाने का वांछित था। तीन साल से फरार था। उस पर 65 हजार रुपए का इनाम घोषित था। तकनीकी पहलुओं से पुलिस उस पर नजर रखे हुए थी। द्वारका में उसकी पत्नी अपने किसी रिश्तेदार को कॉल कर खुद के द्वारका में होने की जानकारी दी। रिश्तेदार ने पूछा कि अकेले द्वारका कैसे गई हो। जवाब में पत्नी ने कहा कि वो भी साथ हैं। यानि कि पति भी साथ हैं। इसका पता लगते ही पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए ऑपरेशन बंशीधर चलाया।
उप निरीक्षक परमीत चौहान के नेतृत्व में हेड कांस्टेबल महिपालसिंह, कांस्टेबल किशोर व नगाराम द्वारका पहुंचे और आरोपी श्याम सुंदर को ढूंढ लिया। वो परिवार के साथ गाड़ी में था। इसलिए पुलिस ने गोपनीय तरीके से द्वारका से सांचौर और फिर गुड़ामालानी तक पीछा किया। रास्ते में अकेला होने पर मौका पाकर पुलिस ने श्याम सुंदर (31) पुत्र लादूराम खिलेरी को पकड़ लिया। वह सांवरिया, सांवलाराम व मुरली मनोहर के नाम से पहचान छुपाए हुए था।
पुलिस का कहना है कि श्याम सुंदर के खिलाफ बाड़मेर, जालोर व सिरोही में एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। इनमें हत्या का प्रयास, मारपीट, तस्करी, आर्म्स एक्ट, राजकार्य में बाधा डालने के मामले शामिल हैं। उसने वाहन चोरी से अपराध करना शुरू किया था और मादक पदार्थ तस्करी तक करने लग गया था। वह सिरोही पुलिस पर फायरिंग भी कर चुका है। सिरोही पुलिस ने 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। उसे महंगी कारों का शौक है।