वर्ष 2010 में जोधपुर जिले में मात्र एक हजार काले हरिण बचे थे जिनकी संख्या दशक बाद भी नाम मात्र बढ़ी है। पूरे जोधपुर संभाग में भी काले हरिणों की स्थिति भयावह है। जोधपुर सहित पाली, जालोर, बाड़मेर, जैसलमेर और सिरोही में कुल संख्या 3134 ही बची है।
यह भी है कारण वर्षाकाल में नम भूमि पर दौडऩे में असमर्थ होने पर हिंसक श्वानों के हमलों से मौत का ग्रास बन जाते हैं ।
वन्यजीव क्षेत्रों में मानवीय हलचल और औद्योगिक विकास की गतिविधियां ।
अवैध क्रॅशर और खनन से होने वाला ब्लास्ट
भोजन- पानी की तलाश में सड़क दुर्घटना मौत -शिकारियों के हत्थे चढऩा पाली में बढ़ी संख्या
जोधपुर के कांकाणी, गुड़ा आदि क्षेत्रों में लगातार बढ़ते मानवीय हस्तक्षेप के कारण काले हरिण सुरक्षित आवास की तलाश में लगातार पलायन करते जा रहे है। यही कारण है पाली में इनकी संख्या 1738 से ज्यादा है।
काले हरिणों की वर्तमान स्थिति जोधपुर—-1376
सिरोही——020 पाली——1738