छात्र बैरिकेड के दोनों घेरे पार करके दरवाजे तक पहुंच गए तो पुलिस ने उन्हें खदेड़ना शुरू कर दिया। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने छात्रों को थप्पड़ें और लातें मारी। छात्रों की संख्या वैसे ही कम थी। ऐसे में
प्रदर्शन करने आए छात्र भाग खड़े हुए। इसके बाद एक दर्जन छात्र ही प्रदर्शन करने के लिए बैठे रहे। पुलिसवालों ने कुछ छात्रों को हाथों-टांगों से पकड़कर गाड़ी में बैठाया।
तिरंगा लेकर प्रदर्शन करने पहुंचे छात्र
पिछले वर्ष विधानसभा चुनावों के कारण गहलोत सरकार ने
छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाए थे। इस साल भी सरकार की मंशा ऐसी ही है। जुलाई में सेशन शुरू होने के साथ ही छात्र-छात्राएं विभिन्न छात्र संगठनों के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सोमवार को छात्र नेताओं ने एक साथ तिरंगे झण्डे के नीचे प्रदर्शन किया। विभिन्न छात्र नेता तिरंगा लेकर नारेबाजी करते हुए विवि के केंद्रीय कार्यालय पहुंचे और रोष प्रकट करने लगे।
तबीयत बिगड़ने पर पुलिस ने अस्पताल पहुंचाया
सोमवार को दिन में भयंकर उमस भरी तपिश थी। हवा भी मंद गति से बह रही थी, जिसके कारण प्रदर्शन कर रहे पांच-छह छात्र-छात्राओं की तबीयत बिगड़ गई। पुलिस ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया। तबीयत बिगड़ने पर कुछ छात्रों को पुलिसकर्मियों ने पानी भी पिलाया।
भारी प्रदर्शन का इनपुट गलत निकला
दरअसल पुलिस के पास छात्रों के भारी प्रदर्शन का इनपुट था। पुलिसकर्मियों ने सुबह 11.30 बजे ही विवि के केंद्रीय कार्यालय को अपने कब्जे में ले लिया। भारी पुलिस बल देखकर विवि आने वाले कर्मचारी भी चौंक गए। एसीपी छवि शर्मा, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त निशांत भारद्वाज के अलावा तीन-चार थानों के सीआई कुर्सी और बैरिकेड लगाकर वहां छात्रों की प्रतीक्षा करते रहे।
एफए ने आकर लिया ज्ञापन
छात्र कुलपति को बाहर मुख्य दरवाजे पर बुलाकर ज्ञापन देने की मांग पर अड़े हुए थे, लेकिन कुलपति विवि में मौजूद नहीं थे। चीफ प्रोक्टर कमलसिंह राठौड़ सहित अन्य प्रोक्टर डॉ. केआर मेघवाल और डॉ. अशोक ज्ञापन लेने आए, लेकिन उनको नहीं दिया गया। आखिर वित्त नियंत्रक दशरथ सोलंकी ने आकर उनका ज्ञापन लिया।