2008 से पहले यह आरक्षित सीट थी। इसके बाद यहां वोट बैंक ब्राह्मण व अल्पसंख्यक दो धुरों में बंट गया। ब्राह्मण वोट बैंक के साथ यहां हमेशा हिंदुत्व के नाम पर वोट पड़ते रहे हैं। 2008 में यहां सईद अंसारी और 2013 में जैफू खां हारे। इस बार कांग्रेस ने प्रोफेशनल चेहरे प्रोफेसर अयूब खान को समीकरण बैठाने के लिए मैदान में उतारा है। खास बात यह है कि भाजपा प्रत्याशी को नुकसान एज फैक्टर और कुछ स्थानों पर विरोध के कारण हो सकता है। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी को चौपासनी हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र से लीड लेने की चुनौती है। क्षेत्र के बलदेव नगर जो कि खुद एक कच्ची बस्ती का हिस्सा है।
यहां एक चाय की दुकान पर चर्चा करते मिले राजासिंह बताते हैं, जमीनी स्तर पर काम करने वाले आने चाहिए। हम जैसे गरीब लोगों की बात सुने ऐसे नेता होने चाहिए। कलीम सफी खान बताते हैं कि सालों से वही समस्याएं हैं, लेकिन समाधान आज तक नहीं हुआ। वाहिद बताते हैं कि सडक़, पानी और हमारी कच्ची बस्ती की समस्या भी नेता इतने सालों में दूर नहीं कर पाए। ऐसे में अब तो कोई वोट मांगने आता है तो पूरी खबर लेंगे।
——
दोनों प्रत्याशियों का हाल प्रो. अयूब खां, कांग्रेस प्रत्याशी
मजबूत पक्ष अल्पसंख्यक वोट बैंक पूरा साथ है। कई प्रोफेसर व प्रोफेशनल लोगों का जुड़ाव हो रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद इस सीट का समय-समय पर फीडबैक ले रहे हैं।
कमजोर पक्ष वोटों का धु्रवीकरण नहीं कर पाए तो समस्या है। नया चेहरा इसलिए राजनीतिक दावं पेच पूरी तरह नहीं जानते। हिंदुत्व मुद्दा बना तो संकट हो सकता है।
सूर्यकांता व्यास, भाजपा प्रत्याशी
मजबूत पक्ष
ब्राह्मण व हिंदुत्व वोट बैंक सबसे बड़ी ताकत। लम्बा राजनीतिक अनुभव। यदि हिंदुत्व की लहर चलती है तो फायदा।
कमजोर पक्ष एज फैक्टर नुकसान पहुंचा सकता है। कुछ क्षेत्रों में स्थानीय पार्षद विरोध कर रहे हैं। नुकसान पहुंचाने वाले चुनावी मैदान में भी खड़े हैं।
विस क्षेत्र प्रोफाइल
कुल मतदाता – 264705 नए जुड़े मतदाता – 42911
कुल बूथ – 222 कुल प्रत्याशी – 15
– 2008 में भाजपा की सूर्यकाता व्यास कांग्रेस के सईद अंसारी से जीतीवोट शेयर भाजपा – 45 प्रतिशत
कांग्रेस – 40 प्रतिशत
– 2013 में भाजपा की सूर्यकांता व्यास ने कांग्रेस के जैफू खान को हराया।
वोट शेयर भाजपा – 52 प्रतिशत
कांग्रेस – 38 प्रतिशत इनका कहना है
कई ऐसे मुद्दे हैं जो सरकार से पूरे होने की उम्मीद होती है। एक गृहणी के लिए महंगाई और सुरक्षा ही प्रमुख मुद्दा होता है। इन्हीें मुद्दों पर मतदान होगा।
– कृतिका शर्मा, गृहणी युवा होने के नाते मैं शिक्षा और रोजगार जैसे मुद्दों को देख कर मतदान करूंगा। भाषणबाजी के आधार पर वोट डालना बेवकूफी होगी।
– सन्नी भिमानी, युवा