दरअसल, दीपावली पर बैंकों का सर्वर गड़बड़ हो गया था। यूको बैंक में एमपीएस या यूपीआइ से रुपए ट्रांसफर करने पर बैंक में खाते से राशि कट नहीं रही थी, लेकिन यह राशि यूको बैंक के खाते में जमा हो रही थी। इसका पता लगते ही लोगों ने 850 करोड़ रुपए खातों में ट्रांसफर कर लिए थे। फिलहाल बैंक अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है। वे कुछ भी बोल नहीं रहे हैं।
खाता धारक को पकड़ा, जयपुर पुलिस करेगी पूछताछ
घोटाले के संबंध में जयपुर के साइबर थाने में बैंक ने धोखाधड़ी व आइटी एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज करवाया है। अब तक की जांच से आशंका है कि घोटाले की शुरूआत पाल रोड पर यूको बैंक की शाखा के एक खाता धारक ने की थी। इस खाते से दो करोड़ रुपए ट्रांसफर करने के बाद 97 लाख रुपए निकालने की आशंका है। शेष राशि खाते में जमा होने से बैंक ने डेबिट कर दी। जयपुर की साइबर थाना पुलिस ने शास्त्रीनगर थाना पुलिस को सूचित किया। लोकेशन के आधार पर पुलिस ने संदिग्ध युवक को हिरासत में ले लिया। जिसे अग्रिम अनुसंधान के लिए जयपुर ले जाया जाएगा।
करीब बीस करोड़ रुपए वसूली की
बैंकों से करीब 850 करोड़ का घोटाला हुआ था। एटीएम से दो सौ करोड़ रुपए निकाल लिए गए थे। 650 करोड़ खातों में रह गए थे। बैंकों को पता लगा तो खातों में जमा राशि वसूल कर ली थी। साथ ही ऐसे खाता धारकों के खाते फ्रीज कर दिए थे। इन खातों में जमा राशि डेबिट कर ली थी। बैलेंस शून्य कर दिया था। बैंकों ने राशि वापस जमा करवाने के लिए खाता धारकों को नोटिस भेजे हैं। करीब 20 करोड़ रुपए वापस जमा करवाए गए हैं।