दरअसल, वर्षा विश्नोई कोटा में स्टूडेंट बनकार फरारी काट रही है। वर्षा बिश्नोई पर आरोप है कि उसने अलग-अलग भर्ती परीक्षा में डमी कैंडिडेट बन कर परीक्षा दी थी।
25 हजार का इनाम था घोषित
आपको बता दें SI भर्ती परीक्षा में डमी कैंडिडेट बनकर बैठने वाली वर्षा विश्नोई पर SOG ने 25 हजार रुपए का इनाम रखा था। वर्षा बिश्नोई काफी समय से फरार थी। वर्षा को पकड़ने के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही थी। वर्षा ने अलग-अलग भर्ती परीक्षाओं में डमी कैंडिडेट बनकर परीक्षा दी थी। बताया जाता है कि एसआई भर्ती परीक्षा में उसने इंदुबाला और भगवती के बदले परीक्षा दी थी। इंदुबाला और भगवती पहले ही एसओजी की गिरफ्त में हैं।
जानकारी के मुताबिक वर्षा ने दोनों कैंडिडेट के बदले 15-15 लाख रुपए मांगे थे यानी 30 लाख में डील हुई थी। वर्षा ने इंदुबाला की जगह 13 सितंबर 2021 को परीक्षा दी थी और भगवती के बदले 14 सितंबर को परीक्षा दी थी।
कई परीक्षाओं में बनी डमी अभ्यर्थी
एसओजी सूत्रों के मुताबिक वर्षा बिश्नोई के पकड़े गए रिश्तेदार व अन्य परिचितों से पूछताछ में सामने आया था कि वह कई अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में डमी अभ्यर्थी बनी थी। डमी अभ्यर्थी बनकर परीक्षा देने पर उसे मोटी रकम मिलती थी। एसओजी के मुताबिक उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर दूसरे व तीसरे दिन लीक हुआ, लेकिन वर्षों पहले दिन हुई परीक्षा में भी बिना पेपर देखे पास हुई। जबकि दूसरे व तीसरे दिन की परीक्षा उसने लीक पेपर देखकर दी।
वहीं, इससे पहले पूछताछ में गिरफ्तार उप निरीक्षक जगदीश सिहाग ने बताया कि 4 मार्च को वर्षा यह भनक लग गई थी कि एसओजी को उसकी कुंडली मिल गई है। तब उसने अपना ठिकाना छोड़ दिया था। जोधपुर में वर्षा अपने ममेरे भाई के साथ रहती थी। इसके बाद वर्षा कई दिनों से कोटा में फरारी काट रही थी।
एसओजी सूत्रों के मुताबिक उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में कई अन्य प्रशिक्षु थानेदारों के खिलाफ कुछ सबूत मिले हैं, जिनकी तस्दीक के बाद जल्द उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। प्रशिक्षण ले रहे थानेदारों में बड़ी संख्या में पेपर लीक व डमी अभ्यर्थी के जरिये चयनित होने वाले भी बताए जा रहे हैं। इस मामले में SOG ने अब तक 42 चयनित ट्रेनी सब इंस्पेक्टर को गिरफ्तार किया है।
‘डॉक्टर फिक्सिट’ ऑपेरशन के जरिए दिया अंजाम
जोधपुर रेंज आईजी विकास कुमार ने बताया- पेपर लीक कांड की जांच SOG कर रही है। पिछले करीब 6 महीने पहले 25 हजार का इनाम घोषित होने के बाद से वर्षा बिश्नोई फरार चल रही थी। ऑपेरशन डॉक्टर फिक्सिट के आधार पर वांटेड इनामी वर्षा बिश्नोई की तलाश शुरू की गई। ऑपरेशन डॉक्टर फिक्सिट रखने के पीछे कारण था कि पेपर लीक था। वांटेड का नाम वर्षा था। पिछले तीन महीने के कोशिश के बाद टीम को कोटा की लोकेशन मिली। सोमवार तड़के हमारी टीम ने कोटा के जवाहर नगर इलाके में वर्षा बिश्नोई को पकड़ा है। एक रिटायर्ड बैंक मैनेजर के घर पर फर्जी डॉक्यूमेंट व नाम बदलकर पीजी के रूप में रह रही थीं। टीम के पहुंचने पर खुद का नाम विमला बताकर फर्जी आधार कार्ड भी दिखाया। सख्ती से पूछताछ के बाद वर्षा बिश्नोई को पकड़ा गया। प्रारम्भिक पूछताछ में पकड़ी गई वर्षा बिश्नोई ने डमी कैंडिडेट के रूप में बैठकर एग्जाम देना स्वीकार किया है।
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