परिजन खुद ही खींच रहे मरीज का स्ट्रेचर
कई बार मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में जो दृश्य देखने को मिलते हैं, वैसे ही दृश्य एम्स में भी देखने को मिले। मरीज के परिजन जांचों के लिए उन्हें बेड व स्ट्रेचर पर लेकर घूमते नजर आए। खींवसर से एक बुजुर्ग को टीका लगवाना था, स्टोर के फ्रीज में रखा था, लेकिन लगाने वाला ही नहीं आया। कई घंटों तक वेंटिंग चेयर्स पर लेटे रहे।
केस 1- इमरजेंसी में कोई जवाब तक नहीं दे रहा
ओपीडी बंद है, आंखों का ऑपरेशन करवाना है। मेड़ता से आए हैं। इमरजेंसी में गए तो वहां कोई जवाब देने वाला नहीं है। कहते हैं ओपीडी खुले तो आना। वहां भी कई कतार में लगना पड़ेगा।
केस 2- बेड नहीं मिला, निजी अस्पताल में ले जाना पड़ा
सुमित अपनी मां को लेकर इमरजेंसी में पहुंचे। उन्हें सांस लेने में तकलीफ थी। काफी कोशिश की, लेकिन बेड नहीं मिला। मजबूरी में एम्स के समीप ही निजी अस्पताल में भर्ती करवाया।
केस 3- सिरोही से एम्बुलेंस में लेकर आए
एक बुजुर्ग महिला को सिरोही से परिवार के लोग एम्बुलेंस में लेकर आए, लेकिन इमरजेंसी में प्रवेश नहीं मिला। उन्हें कहा एमडीएम अस्पताल ले जाएं। परिजन फिर एम्बुलेंस कर वहां से ले गए।