मिल्क पाउडर से बने दूध की जगह मिलेट्स देने की योजना के पीछे यह तर्क दिया गया था कि ज्यादातर बच्चों को मिल्क पाउडर से बना दूध पीना पसंद नहीं है। ऐसे में मिल्क पाउडर की जगह मिलेट्स देने की घोषणा से आठवीं तक के बच्चों में खुशी की लहर थी। अब जिलेवार फरवरी 2025 तक मिड डे मील में मिल्क पाउडर का कोटा अलॉट हो जाने के साथ तय है कि इस अवधि तक बच्चों को मिल्क पाउडर से बना दूध ही पीना पड़ेगा।
शिक्षा मंत्री दिलावर ने कहा था…
हाल ही
राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने छात्र-छात्राओं को दूध के बजाय मिलेट्स दिए जाने की बात कही थी। उनकी यह घोषणा मीडिया में सुर्खियां बनी थी।
केवल नाम बदला
मिड डे मील योजना आयुक्त कार्यालय ने केवल ‘मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना’ का नाम बदला है। अब यह योजना उसी स्परूप में ‘पन्नाधाय बाल गोपाल योजना’ के नाम से जारी रहेगी।
योजना यथावत
मिड डे मील में बच्चों को दूध देने की योजना के नाम में बदलाव की चर्चा है। अभी तक इस संबंध में भी कोई आदेश नहीं आया है। योजना को बंद कर दूध की जगह मिलेट्स देने संबंधी कोई निर्देश नहीं मिले हैं। फिलहाल बच्चों को मिड डे मील में दूध देने की योजना यथावत है। - सीमा शर्मा, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, जोधपुर
अव्यवहारिक योजना
मिड डे मील में दूध की जगह मिलेट्स देने का विचार धरातल पर व्यावहारिक नहीं है। मिलेट्स जीमने के बाद पोषाहार कैसे जीमेंगे? किसी भी घोषणा को लागू करने से पहले उसके व्यावहारिक पक्ष को भी जांचा-परखा जाना चाहिए।
- शंभु सिंह मेड़तिया, प्रदेश संयोजक, पंचायतराज एवं माध्यमिक शिक्षक संघ