याचिकाकर्ताओं को अधिक अंक मिले थे…
न्यायाधीश दिनेश मेहता की एकल पीठ में 45 याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता कैलाश जांगिड़ तथा मोहनसिंह शेखावत ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को अधिक अंक मिले थे। वे मेरिट लिस्ट में उच्च स्थान पर थे। लेकिन काउंसलिंग बोर्ड उन्हें कम अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों से नीचे रख रहा है। उन्होंने कहा कि 22 नवंबर, 2024 को जारी की गई अस्थायी राज्य मेरिट लिस्ट में तकनीकी या प्रक्रियागत त्रुटियां हैं। इसके कारण गलत उम्मीदवारों को दाखिला दिया जा रहा है। याचिकाकर्ताओं के आरोपों में है आधार – हाईकोर्ट
हाईकोर्ट ने याचिका में दी गई जानकारी की पुष्टि करते हुए पाया कि याचिकाकर्ताओं के आरोपों में आधार है। पीठ ने काउंसलिंग बोर्ड को सात दिनों का समय दिया है ताकि वह मामले की जांच कर त्रुटियों को ठीक कर सकें। मामले की अगली सुनवाई 5 दिसंबर निर्धारित की गई है। और तब तक राज्य के काउंसलिंग बोर्ड को नीट (पीजी) कोर्स 2024 के उम्मीदवारों के दाखिले की अंतिम सूची जारी करने से रोका गया है।