इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पहले कोर्ट के साथ चक्कर शब्द चिपक सा गया था और चक्कर भी ऐसा होता था कि एक बार फंस गए तो कब निकलेंगे पता नहीं। अब स्थिति में बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत का सपना पूरा करने के लिए सहज और सरल तरीके से न्याय उपलब्ध कराने की गारंटी जरूरी है। इसके लिए ईज ऑफ डुईंग की तरह ईज ऑफ जस्टिस को बढ़ावा देना होगा।
क्षेत्रीय भाषाओं में मिल रहे फैसले
समारोह में केंद्रीय विधि राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने सुप्रीम कोर्ट के क्षेत्रीय भाषाओं में निर्णयों को उपलब्ध करवाने के नवाचार की सराहना की। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजीव खन्ना ने शासन और सुशासन के बीच अंतर समझाया। वहीं मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि
राजस्थान हाईकोर्ट उन न्यायालयों में शामिल रहा जिसने आपातकाल में लोगों का साथ दिया। आरंभ में राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव ने स्वागत उद्बोधन दिया।