पहले पुत्र पर था संदेह, शर्ट ने दी क्लीन चिट
ट्रिपल मर्डर का पता लगने पर पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। हत्यारे का पता नहीं लग पाया था। मृतका भंवरीदेवी का पुत्र अशोक ड्यूटी पर गया हुआ था। दूसरा पुत्र पुखराज सुबह ही अपने काम पर निकल गया था। पुलिस को एक बेटे पर अंदेशा हुआ था। वह मौके पर पहुंचा तो कपड़ों की जांच की गई। वह जो कमीज सुबह पहनकर गया था, उसी कमीज में शाम को घर आया था। पुलिस का कहना है कि हत्या के दौरान खून के छींटे उछले थे। यदि बेटा शामिल होता तो कमीज पर भी छींटे गिरते और वह कमीज बदलकर आता, लेकिन ऐसा न होने से बेटे को चंद मिनटों में ही क्लिन चिट दे दी गई थी।
सात साल पहले मकान में 17 तोला सोना चोरी
वर्ष 2017 में पुखराज जाट के मकान में शादी समारोह में 17 तोला सोने के आभूषण चोरी हुए थे। थाने में मामला दर्ज हुआ था। कुछ लोग संदेह के दायरे में थे, लेकिन पुलिस चोर पकड़ नहीं पाई थी। इसके बाद ही मकान में बड़ी तिजोरी लाए थे। वहीं जाजीवाड़ा जाखड़ान गांव निवासी संतोष तीन दिन पहले ही पीहर आई थी। बड़ी पुत्री ननिहाल में ही पढ़ाई कर रही थी। अब वो छोटी पुत्री को भी ननिहाल से स्कूल भेजना चाहती थी। वारदात से कुछ देर पहले संतोष ने अपने पति से बात भी की थी। मुआवजा व नौकरी की मांग
परिजन व ग्रामीणों ने वारदात के बाद विरोध जताया था। समझाइश के बाद देर रात
जोधपुर के शव मथुरादास माथुर अस्पताल की मोर्चरी में रखवाई गए थे। गुरुवार सुबह परिजन व ग्रामीण मोर्चरी के बाहर एकत्रित हो गए और धरना दिया व प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर कार्यालय में ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें
हत्यारे की गिरफ्तारी, आश्रित परिवार को आर्थिक मुआवजा, सरकारी नौकरी की मांग की गई। एसीसी पीयूष कविया ने बताया कि शाम को आरोपी की गिरफ्तारी के बाद तीनों शव के पोस्टमार्टम करवाए गए। परिजन सुबह शव गांव ले जाएंगे।
अनसुलझे सवालों में घिरी पुलिस
- पुलिस का कहना है कि आरोपी दिनेश को पुखराज के मकान में सोना व रुपए होने की उम्मीद थी। उसने तीन हत्याएं कर दी, लेकिन रुपए लूट नहीं पाया था। परिजन ने एफआइआर में भी लूटपाट का कोई जिक्र नहीं किया।
- आरोपी दिनेश का पुखराज के घर में लगातार आना-जाना था। वह उसी गांव में रहता था। मकान में बड़ी तिजोरी है। जेवर व रुपए उसमें रखे जाते हैं। आरोपी को भी इस बारे में जानकारी होगी। फिर भी वह जेवर-रुपए लूटने पहुंचा।
- पुलिस का कहना है कि वारदात के दौरान दिनेश को भंवरवीदेवी की बेटी संतोष के मकान में होने का पता नहीं था। भंवरीदेवी, पुत्रवधू, दोहिती व पोता घर में होते हैं। हालांकि पुत्रवधू अपने बेटे के साथ अस्पताल गई हुई थी।
- पुलिस का कहना है कि मासूम बच्चियां चिल्लाईं व रोने लगी तो आरोपी ने टांके में डूबोया। संतोष पीछे कमरे में सोई हुई थी। फिर उसे कुल्हाड़ी क्यों मारी गई। जबकि भंवरीदेवी की पुत्रवधू गोमा देवी का कहना था कि ननद संतोष इस कमरे में कभी नहीं आती है। फिर वो उस कमरे में कैसे पहुंची।
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