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जोधपुर

जैविक खेती की अलख जगा रहा किसान

—महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर, मोटे अनाजों को बढ़ावा
जोधपुर जिले में बापिणी तहसील के पड़ासला गांव के किसान लालाराम डूडी ने जैविक खेती को नई पहचान दी है। वे पिछले ३५ सालों से संगोष्ठियों व सेमीनार के माध्यम से अन्य किसानों को प्रशिक्षण दे रहे हैं।

जोधपुरMar 22, 2023 / 05:04 pm

विकास माथुर

जैविक खेती की अलख जगा रहा किसान

जैविक खेती की अलख जगा रहा किसान

प्रथम जैविक किसान
किसान लालाराम वर्ष 1988 से जैविक तरीके से खेती कर रहे हैं। इनकी 8.13 हेक्टेयर भूमि राज्य जैविक प्रमाणीकरण की ओर से पंजीकृत है। जैविक विशेषज्ञ हर साल ऑडिट कर रिपोर्ट देते हैं। यहां रबी में गेहूं, चना, सरसों, मेथी, जीरा, धनिया तथा खरीफ में बाजरा, मूंग, मोठ, तिलहन की फसल होती है। खेत मे उगाया जैविक जीरा व मेथी अमेरिका भेजी जाती है। जीरा तेल व मेथी दवा औषधि के रूप में काम ली जाती है।
महिलाओं को रोजगार
वे महिलाओं की आय दोगुनी करने के लिए काजरी की ओर से प्रशिक्षित महिला स्वयं सहायता समूह बनाकर उन्हें रोजगार भी मुहैया करवा रहे है। किसान डूडी के नेतृत्व में 13 महिलाएं स्वयं सहायता समूह से जुड़कर रोजगार पा रही है।
सहेजते हैं वर्षा का पानी
उन्होंने बारिश के पानी को सहेजने के लिए चार-पांच घरों की छतों से पाइपलाइन जोड़ी है। पानी जल हौज में संगृहीत किया जाता है। केंचुआ यूनिट, निम्बू व आंवला बगीचा, सोलर प्लांट, जल संग्रहण इकाइयां संचालित की जा रही है।
52 तरह के जैविक प्रोडक्ट कर रहे तैयार
वे मोटे अनाजों को भी बढ़ावा दे रहे हैं। बाजरे की फसल के जैविक उत्पाद तैयार कर देश-विदेश में प्रदर्शनियों में स्टाल लगाकर उनकी बिक्री करते हैं। महिलाएं, बाजरे से निर्मित बिस्किट, कुरकुरे, लड्डू ,केक, मठड़ी, चॉकलेट, पकोड़ा तथा आंवला के ज्यूस, मुरब्बा, केन्डी, निम्बू के ज्यूस, बिना तेल का अचार सहित कई उत्पाद तैयार करती हैं।
सम्मानों का ढेर
किसान डूडी को विभिन्न संस्थाओं की ओर दर्जनों सम्मान मिल चुके हैं। इसमें काजरी, कृषि विश्वविद्यालय, काजरी, राज्य पशुधन प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान, सोलर एनर्जी विभाग, स्टेट लाइवस्टॉक मैनेजमेंट सहित कई संस्थाएं शामिल हैं।
आसुलाल शर्मा — नौसर

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