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जोधपुर

Navratri 2024: बेहद चमत्कारी है यह मंदिर, मां चामुंडा के कवच के आगे पाकिस्तानी बम भी हो गए थे फेल

Navratri 2024: मेहरानगढ़ दुर्ग स्थित मंदिर में चामुंडा की प्रतिमा 558 साल पहले विक्रम संवत 1517 में जोधपुर के संस्थापक राव जोधा ने मंडोर से लाकर स्थापित किया था।

जोधपुरOct 08, 2024 / 02:54 pm

Rakesh Mishra

Chamunda Mata temple
राजस्थान में नवरात्र (Shardiya Navratri 2024) का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। इन दिनों माता के मंदिरों में भक्तों की खासी भीड़ देखी जा सकती है। ऐसा ही अपने आप में एक अनूठा माता मंदिर जोधपुर में स्थिति है। जोधपुर के मेहरानगढ़ फोर्ट में मां चामुंडा माता मंदिर में इन दिनों भक्तों का तांता लगा हुआ है। यहां केवल राजस्थान ही नहीं बल्कि दुनियाभर से भक्त दर्शनों के लिए आते हैं।

जोधपुर की रक्षक हैं मां

कहा जाता है कि चामुंडा माता जोधपुर की रक्षक है। साल 1965 और 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान जोधपुर पर गिरे बम को मां चामुंडा ने अपने अंचल का कवच पहना दिया था। मेहरानगढ़ फोर्ट में 9 अगस्त 1857 को भीषण हादसा हुआ था। उस वक्त गोपाल पोल के पास बारूद के ढेर पर बिजली गिरने के कारण चामुंडा मंदिर बिखर गया था, लेकिन मूर्ति अडिग रही। मंदिर में चामुंडा की प्रतिमा 558 साल पहले विक्रम संवत 1517 में जोधपुर के संस्थापक राव जोधा ने मंडोर से लाकर स्थापित किया था। परिहारों की कुलदेवी चामुंडा को राव जोधा ने भी अपनी इष्टदेवी स्वीकार किया था।

कुतुब मीनार से भी ऊंचा है फोर्ट

बता दें कि इस मंदिर का विधिवत निर्माण महाराजा अजीतसिंह ने करवाया था। मारवाड़ के राठौड़ वंशज श्येन (चील) पक्षी को मां दुर्गा का स्वरूप मानते हैं। राव जोधा को माता ने आशीर्वाद में कहा था कि जब तक मेहरानगढ़ दुर्ग पर चीलें मंडराती रहेंगी, तब तक दुर्ग पर कोई विपत्ति नहीं आएगी। मेहरानगढ़ फोर्ट दिल्ली के कुतुब मीनार की ऊंचाई 73 मीटर से भी ऊंचा है।

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