वर्तमान में आ रही टिड्डी अवयस्क गुलाबी पंख वाली है जो केवल खाने पर ध्यान देती है। टिड्डी की यही स्टेज एक दिन में 150 किलोमीटर तक उडऩे की ताकत रखती है। पाकिस्तान में हरियाली कम होने से टिड्डी ऊंचाई पर जाकर अपने सेंसर की मदद से भारत में पश्चिमी राजस्थान की ओर से देख रही है जहां इंदिरा नहर के कारण हरियाली है। इसी कारण यह अंधड़ पर सवार होकर आ रही है। टिड्डी का एक बड़ा दल एक दिन में 35 हजार व्यक्तियों के बराबर खाना खाता है।
एक टिड्डी अपने जीवन काल में तीन बार अण्डे देती है। यह एक बार में 80 से 158 अण्डे देती है। दो सप्ताह में अण्डे से जीव बाहर आ जाता है जो हॉपर बनता है। इसके पंख नहीं होते हैं। हॉपर के पंखे आने पर यह गुलाबी पंख वाली अवयस्क टिड्डी बनती है जो केवल खाने पर ही ध्यान देती है। इसके बाद पीले रंग की वयस्क टिड्डी में बदलती है, जिसका उद्देश्य अण्डे देना होता है।
– 2 मई को पाकिस्तान से भारत में प्रवेश
– 22 जून को पूर्वी अफ्रीका से सीधा भुज आएगी टिड्डी
– 19 जुलाई को पूर्वी अफ्रीका से एक और खेप अरब सागर पार करते हुए गुजरात पहुंचेगी
– 16 मई को सऊदी अरब व ओमान से यमन पहुंचेगी टिड्डी
– 29 मई को लाल सागर से पूर्वी अफ्रीका
– 17 जून से 13 जुलाई तक पूर्वी अफ्र ीका से पश्चिमी अफ्रीका की ओर टिड्डी का माइग्रेशन
(यह रुट एफएओ के मुताबिक है।)
मार्च और अप्रेल महीने में आए 12 पश्चिमी विक्षोभों से ईरान के दक्षिण हिस्से, यमन व ओमान में भी बारिश हुई, जिससे वहां टिड्डी का स्प्रिंग ब्रीडिंग के लिए अनुकूल मौसम मिल गया है। ईरान के दक्षिणी हिस्से से टिड्डी पाकिस्तान के ब्लूचिस्तान होते हुए भारत के पश्चिमी हिस्से में प्रवेश करती है।
– पूर्वी अफ्रीका के ईथोपिया, केन्या, सोमालिया, दक्षिणी सूड़ान, यहां भूखमरी की समस्या पैदा हो गई है।
– लाल सागर के दोनों और खाड़ी देशों में भारत की तरफ हरियाली देखकर आ रही
पाक की ओर से आ रही टिड्डी अवयस्क होने के कारण जोश में है जो ऊंचाई पर उड़कर भारत की ओर हरियाली देखकर आ रही है। अब टिड्डी लगातार आएगी।
– डॉ. केएल गुर्जर, उप निदेशक, टिड्डी चेतावनी संगठन जोधपुर