scriptKargil Diwas: चोटियों से बरस रहीं थीं गोलियां, 25 दिन तक नहीं उठा पाए थे साथियों के शव, वीरों ने दिखाया था ‘पहाड़’ जैसा शौर्य | Kargil Vijay Diwas 2024: bodies of four soldiers could not be lifted for 25 days | Patrika News
जोधपुर

Kargil Diwas: चोटियों से बरस रहीं थीं गोलियां, 25 दिन तक नहीं उठा पाए थे साथियों के शव, वीरों ने दिखाया था ‘पहाड़’ जैसा शौर्य

Kargil Diwas: लूणसिंह ईंदा ने बताया कि पाकिस्तानियों का सफाया करते हुए हमारी अन्य बटालियनें थोरेछांग पहुंची, तब हम लोग आगे बढ़े और अपने साथियों के शवों को अपने कब्जे में लिया

जोधपुरJul 26, 2024 / 10:57 am

Rakesh Mishra

Kargil war
Kargil Vijay Diwas 2024: मैं उस वक्त सियाचीन में तैनात था। हमें सूचना मिलने के बाद पहले तुरतुक और फिर थोरेछांग चले गए। हमारी ड्यूटी वहां पेट्रोलिंग की थी। एक दिन पेट्रोलिंग करने निकले 12 जवानों में से लेफ्टिनेंट हनीफूद्दीन, मंगेशसिंह सहित चार साथी ग्लेशियर की चोटियों से आ रही गोलाबारी में शहीद हो गए। हम लोग जाकर अपने साथियों के शव तक नहीं ला पाए, क्योंकि चोटियों से पाकिस्तानी गोलियां बरसा रहे थे और हमें दिखाई भी नहीं दे रहे थे। हमारे चारों साथियों के शव 25 दिन तक नहीं उठा पाए थे। जब पाकिस्तानियों का सफाया करते हुए हमारी अन्य बटालियनें थोरेछांग पहुंची, तब हम लोग आगे बढ़े और अपने साथियों के शवों को अपने कब्जे में लिया। यह कहना है करगिल युद्ध लड़ने वाले जोधपुर के शेरगढ़ में देवातु निवासी (65) लूणसिंह ईंदा का, जो अब भी करगिल युद्ध के बारे में बताते हुए भावुक हो जाते हैं।

ग्लेशियर से हुई स्लाइडिंग में गर्दन में फ्रेक्चर

लूणसिंह ने बताया कि थोरेछांग के ऊपर ग्लेशियर पर कब्जा होने के बाद रात को पेट्रोलिंग के दौरान ऊपर चढ़ते समय ग्लेशियर से स्लाइडिंग हो गई, जिससे पीठ और गर्दन में जबरदस्त चोट लगी। गर्दन में फ्रेक्चर हो गया। एक दिन बाद हवाई जहाज से चंडीगढ़ अस्पताल ले जाया गया, जहां दो महीने तक भर्ती रहा। 31 दिसम्बर, 1999 में सेना से सेवानिवृत्ति लेकर गांव आ गया।

भंवर सिंह ट्रेन में मिला था, शादी करके आया था

करगिल लड़ाई में बालेसर दुर्गावता गांव निवासी भंवर सिंह ईंदा 28 जून 1999 को शहीद हो गए थे। वे 22-23 साल के थे। जब भंवरसिंह करगिल पहुंचे तब उनकी शादी को 15 दिन ही हुए थे। शहीद भंवरसिंह की पत्नी इंद्र कंवर का अपने पति के साथ महज 15 दिन का साथ रहा। वह केवल एक दिन के लिए ट्रेन में मिला था और बता रहा था कि शादी करके आया है। उसके बाद उसका शव ही गांव आया।

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