सूत्रों के मुताबिक एसीबी को टर्मिनल से तेल टैंकरों के केलिब्रेशन (टैंकर की क्षमता को मापना) में गड़बड़ी, कई तेल टैंकरों को बेवजह खड़ा करके पेट्रोल-डीजल नही देने और पेट्रोल पम्प संचालकों को जबरदस्ती ल्यूब्रिकेंट बेचने से जुड़े कई बिल व अन्य कागजात मिले हैं।
बाड़मेर के रामसर स्थित एचपीसीएल के एक पेट्रोल पम्प संचालक ने टर्मिनल के अधिकारियों की मनमानी को लेकर एसीबी में शिकायत दर्ज करवाई थी। एसीबी ने मंगलवार और बुधवार को टर्मिनल पर छापा मारा। कई दिनों से खाली खड़े टैंकरों के बारे में भी डिपो के अधिकारियों से पूछताछ की गई।
21 दिन की जंग व जनाक्रोश के आगे झुका विभाग, भदवासिया से हटेंगे शराब ठेके तेल टैंकरों का केलिब्रेशन नहीं करते ब्यूरो को शिकायत मिली थी कि एचपीसीएल डिपो में आसानी से तेल के टैंकरों का केलिबे्रशन नहीं होता है। यहां प्रतिदिन 200 टैंकर पेट्रोल-डीजल के भरे जाते हैं। शिकायतकर्ता ने ब्यूरो को जानकारी दी कि उसके टैंकर कई दिनों से डिपो के अंदर खड़े हैं, लेकिन एचपीसीएल के अधिकारी जानबूझकर केलिब्रेशन नहीं कर उसे आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे हैं।
सगाई टूटने पर खोया आपा, किया कुछ एेसा कि जाना पड़ा सलाखों के पीछे क्या होता है केलिब्रेशन प्रत्येक टैंकर का साल में एक बार केलिब्रेशन (टैंकर की क्षमता को मापना) जरुरी होता है, जिससे पेट्रोल पम्प डीलर्स आश्वस्त हो जाता है कि टैंकर का माप सही है। कई बार टैंकरों के दुर्घटनाग्रस्त होने और अन्य कारणों से उसकी क्षमता में गिरावट आ जाती है।
रिवाज के नाम पर ‘अफीम’ की मनुहार, समाज को कर रही खोखला मान लीजिए 12 हजार लीटर क्षमता के एक टैंकर में हल्की से चोट लगने पर उसका साइज थोड़ा सा कम हो गया। यह थोड़ा सा 100 से 200 लीटर जितना होता है। एेसे में अगर एेसे टैंकर को केलिब्रेशन नहीं होता है तो पेट्रोल पम्प डीलर्स को हर बार कम पेट्रोल-डीजल मिलता है।
8 लाख का ल्यूब्रिकेंट जबरदस्ती बेचा शहर के एचपीसीएल पेट्रोल पम्प संचालकों का कहना है कि डिपो अपने ल्यूब्रिकेंट को जबरदस्ती पम्प संचालकों को बेचता है। बाड़मेर के एक पम्प संचालक को तो करीब 8 लाख रुपए का ल्यूब्रिकेंट ग्राहकों को जबरदस्ती बेचने के लिए दे दिया गया। ल्यूब्रिकेंट के पैसे नहीं होने पर पम्प संचालक को अपनी जमीन बेचनी पड़ी।
विजिलेंस को भी की थी शिकायत, कुछ नहीं हुआ कुछ पम्प मालिकों ने जयपुर स्थित एचपीसीएल की विजिलेंस शाखा को भी लिखित में शिकायत दी, कुछ कार्यवाही करने की बजाय पेट्रोल पम्प मालिकों को और अधिक परेशान किया जाने लगा। आखिर एक पम्प संचालक ने एसीबी में शिकायत की।