ASADH MAAH– शुभ मुहुर्त व त्योहारों के नजरिए से खास रहेगा आषाढ माह, जाने क्यों
उनके 5 बच्चे हैं। बड़ी पुत्री 10 वर्ष की है। लेकिन उनकी पत्नी पिछले चार-पांच वर्ष से बीमार रहती हैं तथा उनका मानसिक संतुलन ठीक नहीं था। जिनका जोधपुर अस्पताल में इलाज चल रहा था। वह घर से मजदूरी करने के लिए चला गया। करीब 11 बजे नरपत राम का फोन आया कि तुम्हारी पत्नी की तबीयत ज्यादा खराब है घर आओ तब मैं घर गया तो उनकी पत्नी मीरा घर में लोहे की एंगल से फांसी के फंदे से लटक रही थी।