इस जेवर पर गुलामुद्दीन की नजर पड़ गई थी। उसने धार्मिक कार्यक्रम की आड़ में यह जेवर लूटने की साजिश रची थी। उसने न केवल अपनी पत्नी व तीनों बेटियों को बल्कि पड़ोसी महिला के परिवार को नशीला शर्बत पिला दिया था। शर्बत पीने वाले सभी बेहोश हो गए थे, लेकिन गनीमत रही कि पड़ोसी महिला को आशंका हो गई थी और उसने शर्बत नहीं पीया था। इसके चलते गुलामुद्दीन अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाया था।
…परिवार की आड़ में बच गया था
शर्बत पीने से बेहोश होने को लेकर महिला व आस-पड़ोसियों ने गुलामुद्दीन को उलाहना दिया था। वह संदेह के दायरे में आ गया था, लेकिन उसने अपनी बीवी व बेटियों के भी बेहोश होने की बात कहकर खुद की गलती को छिपा लिया था।
जोधपुर पुलिस ने बताया कि गुलामुद्दीन ने तर्क दिया था कि बाजार से लाए शर्बत में ही गड़बड़ी थी।
घरवालों ने लम्बे समय तक बंद भी रखा था
अनिता चौधरी की हत्या के बाद गुलामुद्दीन फरार हो गया था। पिता, भाइयों के साथ ही अन्य सभी परिजन व दोस्तों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। पिता व भाई ने स्वीकार किया कि गुलामुद्दीन काफी बदमाश प्रवृत्ति का था। उसकी इन हरकतों की वजह से काफी साल पहले गुलामुद्दीन को बंद भी रखा गया था।