सिविल एयरपोर्ट के विस्तार के उद्देश्य से मार्च 2017 में राज्य सरकार और एयरफोर्स के बीच जमीन हस्तांतरण को लेकर एमओयू हुआ। एयरफोर्स ने अपनी 37 एकड़ जमीन राज्य सरकार को एयरपोर्ट विस्तार के लिए दे दी। उसके बदले में नगर निगम ने एयरफोर्स को 106 एकड़ जमीन हस्तांतरित की है। इसमें से 37 एकड़ फ्री है जबकि शेष 69 एकड़ के लिए एयरफोर्स को नगर निगम को कीमत अदा करनी है। उस समय निगम इसकी कीमत करीब 78 करोड़ रुपए मांग रहा था लेकिन एयरफोर्स 54 करोड़ पर अड़ा था। दोनों में जमीन की कीमत को लेकर कोई समझौता नहीं हुआ। अब जमीन और अधिक महंगी होने से एयरपोर्ट विस्तार अटक सकता है।
देश में सिविल एयरपोर्ट का संचालन एयरपोर्ट ऑथरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) करती है लेकिन जोधपुर में एयरपोर्ट एयरफोर्स के अधीन होने से फ्लाइटों का संचालन एयरफोर्स की सुविधानुसार होता है। रात में फ्लाइटें नहीं चलती है। एप्रेन छोटा होने से केवल 3 विमानों के खड़े होने की जगह है। शाही शादियों में अधिक विमान आने पर उन्हें उदयपुर में पार्क करना पड़ता है। एएआई के अधीन एयरपोर्ट होने से नई विमान सेवाएं भी शुरू हो सकेंगी।