– भवन का मुख्य द्वार रोमन वास्तु स्थापत्य से प्रभावित है, जो कि दो स्तंभों पर आधारित है और उसकी उंचाई लगभग 30 फीट है। इस मुख्य द्वार पर भारत का राष्ट्रीय चिन्ह ‘अशोक स्तंभ’ है।
– नवीन भवन में 22 न्यायालय कक्ष हैं, जो कि पूर्णत: हवादार एवं उच्च तकनीक से सुव्यवस्थित है।
– सुरक्षा मानकों के अनुसार बनाया गया है। अभिगम नियंत्रण, फायर अलार्म, सी.सी.टी.वी. कैमरा, सम्पूर्ण भवन में स्पीकर द्वारा चेतावनी या संदेश दिया जा सकता है।
– जोधपुर का छितर पत्थर उपयोग में लिया गया है।
– भवन के केन्द्र में अद्र्ध-मण्डलाकार डोम है, जिसकी उंचाई करीब 76 फीट और क्षेत्रफल लगभग 16000 वर्गफीट है। डोम 56 स्तभों पर आधारित है और 5 कि.मी दूरी से भी दिखता है।
– चित्रकारी में मेवाड़, मारवाड़, हाडौती एवं दूंदाड़ की झलक है।
– भवन के चारों ओर 40 हजार वर्ग मीटर का हरित क्षेत्रफल है।
– भवन में जलपुर्नशोधन की व्यवस्था है, साथ ही लगभग 50 के.एल.डी. का अवशिष्टशोधन यंत्र है।
– भवन एवं हरित क्षेत्र की जल आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए लगभग 250 के.एल. का जलसंग्रहण एवं वर्षा जलसंग्रहण तंत्र स्थापित किया गया है।
– अधिवक्ताओं के लिए 373 चैम्बर एवं वरिष्ठ अधिवक्ताओं के लिए अलग 64 चेम्बर न्यायालय भवन की बिल्डिंग से सटे हुए बनाए गए हैं।
– न्यायालय परिसर में प्रवेश के लिए अभिगम नियंत्रण के सुगम साधन जैसे आर.एफ.आई.डी. टेग, बूम-वैरियर, बोलार्ड, एक्स-रे बैगेज, पास द्वारा प्रवेश इत्यादि शामिल है।
– पक्षकारों एवं अधिवक्ताओं की सुविधाओं के लिए 8 लिफ्ट, 150 शौचालय, 24 वॉटर हट्स, 2 स्वचलित सीढिय़ां, 8 सूचना कियोस्क लगाए गए हैं।
– हाईस्पीड विडियो कॉफ्रेंसिंग न्यायालय भवन के सभी अलग वी.सी. कक्षों में एवं मुख्य न्यायाधीश न्यायालय कक्ष व एक अन्य न्यायालय कक्ष में स्थापित की गई है।
– बाल सचिवालय का निर्माण भी किया गया है। जिसमें बच्चों को ब्रेस्ट फीडिंग व खेल की सुविधाएं भी दी गई है।