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पुत्री ने दिखाई हिम्मत, लेकिन काम नहीं आई
सरपंच प्रेमसिंह करनोत ने बताया कि करनोतों की ढाणी में किसान जसवंतसिंह एवं उसके परिवार के अन्य सदस्य खेत में सुबह कृषि कार्य कर रहें थे। उस दौरान पेड़ पर लगे छत्ते से मधुमक्खियों के हमले से बचाव के लिए उसके परिवार के सदस्य इधर-उधर दौड़ते हुए कई जतन करते रहें। जसवंतसिंह पर बड़ी संख्या में मधुमक्खियों ने हमला किया और शरीर से चिपक गई। उस समय उसकी पुत्री वहां पर आई। जिसे भी मधुमक्खियों ने घायल कर दिया। वह अपने पिता को कंबल आदि से ढंककर बचाने का प्रयास किया, लेकिन तब तक बेहोशी छा गई।
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एक पैर हो रखा था कमजोरजसवंतसिंह का एक पैर पूर्व में हुई एक सड़क दुर्घटना के बाद कमजोर हो गया था। इसी से संभवत वह मधुमक्खियों के हमले के दौरान वहां से निकल नहीं पाया। तब तक मधुमक्खियों ने पूरी तरह से घेर लिया। वही घर व आस-पास क्षेत्र मेें दोपहर तक मधुमक्खियां मंडराती रही। लोहावट उपखण्ड क्षेत्र के रुपाणा-जैताणा, जाटावास, मूलराज, हंसादेश, जंभेश्वनगर, सदरी, ढेलाणा, लोहावट विश्नावास, जाटावास, दयाकोर, छीला, आमला सहित आस-पास के कई गांवों में पूर्व में मधुमक्खियों के हमले करने की कई घटनाएं हो रखी है। कई बार मधुमक्खियों के हमलों से लोग घायल हो रहें है। वही सदरी में राजाला में मेघवालों की ढाणी में 17 जुलाई 2020 को घर में खेल रहे साढ़े पांच साल के बालक पर मधुमक्खियों के हमले से मौत भी हो गई थी।