दरअसल, आसाराम की बढ़ती उम्र को देखते हुए नारायण साईं ने आसाराम से मिलने के लिए गुजरात हाई कोर्ट में अर्जी दी थी। इस पर आज सुनवाई करते हुए डबल जज की बेंच ने यह फैसला दिया है।
इन शर्तों के साथ दी जमानत
बताते चलें कि गुजरात हाईकोर्ट ने 11 साल बाद सूरत की लाजपोर सेंट्रल जेल में बंद नारायण साईं को सशर्त जमानत देने का फैसला किया है। आपको बता दें कोर्ट ने इस मुलाकात के लिए चार घंटे का समय निर्धारित किया है। जमानत मिलने के बाद नारायण साईं को जोधपुर जेल में अपने पिता से मिलने की अनुमति दी गई है, लेकिन इसके लिए उन्हें 5 लाख रुपये की राशि जमा करनी होगी। हालांकि कोर्ट 30 दिन की अंतरिम जमानत देने पर सहमती नहीं जताई है।
जानकारी के मुताबिक नारायण साईं को एक विशेष विमान से सूरत जेल से जोधपुर ले जाया जाएगा। उनके साथ एक एसीपी, एक पीआई, दो हेड कांस्टेबल और दो कांस्टेबल होंगे। इसका सारा खर्च नारायण साईं को ही उठाना होगा।
2013 में हुआ था गिरफ्तार
गौरतलब है कि साल 2013 में सूरत की दो बहनों ने आरोप लगाया था कि आसाराम और नारायण साई ने उनके साथ रेप किया है। दोनों बहनों ने शिकायत दर्ज कराई थी कि साल 2002 और 2005 में बाप और बेटे ने उनको कई बार अपनी हवस का शिकार बनाया। इसके मामले में दिल्ली पुलिस ने नारायण साईं को पंजाब-हरियाणा बॉर्डर से 2013 में गिरफ्तार किया था। इस मामले में नारायण साईं को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।