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जोधपुर

जेएनवीयू के नए पीएचडी ऑर्डिनेंस को राज्यपाल ने दी मंजूरी

– नेट-जेआरएफ को प्री पीएचडी परीक्षा से छूट- अब एमपीईटी के 50 प्रतिशत अंक जुड़ेंगे- नए ऑर्डिनेंस से प्री पीएचडी परीक्षा अगले साल जनवरी में

जोधपुरDec 17, 2020 / 02:16 pm

जय कुमार भाटी

जेएनवीयू के नए पीएचडी ऑर्डिनेंस को राज्यपाल ने दी मंजूरी

जेएनवीयू के नए पीएचडी ऑर्डिनेंस को राज्यपाल ने दी मंजूरी

जोधपुर. जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के नए पीएचडी ऑर्डिनेंस को दो दिन पहले कुलाधिपति व राज्यपाल कलराज मिश्र ने अनुमति दे दी है। इसमें पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया, सीट और अन्य प्रक्रिया में कई संशोधन किए हैं। नेट-जेआरएफ कर चुके विद्यार्थियों को प्री पीएचडी परीक्षा (एमपीईटी)से छूट रहेगी। एेसे विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर अंकों के आधार पर प्रवेश मिलेगा।
पीएचडी में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के अब प्री पीएचडी परीक्षा के अंक भी जुड़ेंगे। पीएचडी में प्रवेश ५० प्रतिशत स्नातकोत्तर के अंक और ५० प्रतिशत प्री पीएचडी के अंकों के आधार पर होगा। अब तक प्री पीएचडी परीक्षा केवल पास करनी पड़ती थी। प्रवेश का आधार सौ प्रतिशत स्नातकोत्तर प्राप्तांक था। हालांकि छात्र-छात्राओं को पहले की तरह अब भी प्री पीएचडी परीक्षा पास करने के लिए न्यूनतम पचास प्रतिशत अंक प्राप्त करने होंगे।
गुणवत्ता पर जोर, घटेंगे छात्र
जेएनवीयू विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पीएचडी ऑर्डिनेंस-२०१६ के परिपेक्ष्य में दो साल पहले अपना स्वयं का पीएचडी ऑर्डिनेंस बनाकर भेजा था, जिसके अब मंजूरी मिली है। नए ऑर्डिनेंस में शोध की गुणवत्ता बरकरार रखने के लिए छात्रों की संख्या कम कर दी गई है। पहले असिस्टेंट प्रोफेसर ५, एसोसिएट प्रोफसर ७ और प्रोफसर १० छात्रों को पीएचडी करवा सकते थे। अब असस्टिेंट प्रोफेसर ४, एसोसिएट प्रोफेसर ६ और प्रोफेसर ८ शोधार्थियों का ही मार्गदर्शन कर पाएंगे।
ये भी हुए बदलाव
– प्री पीएचडी के बाद शोधार्थियों से काउंसलिंग करके शोध के संबंध में चॉइस ली जाएगी।

– कोर्स वर्क में सख्ती रहेगी। नौकरी पेशा विद्यार्थियों को 6 महीने अवकाश का प्रमाण पत्र और जोधपुर सीमा क्षेत्र का निवास प्रमाण भी देना होगा।
– यूजीसी की केयर लिस्ट या स्कोपअस में रजिस्टर्ड जर्नल में ही शोध पत्रों का प्रकाशन करना होगा। पीयर रिव्यूड जर्नल को फिलहाल शामिल नहीं करने की संभावना है।

– अब शोधार्थियों को संबंधित विभाग में नियमित उपस्थिति देनी होगी। हर छह माह में प्रोग्रेस रिपोर्ट जमा करवानी होगी।
प्री पीएचडी परीक्षा जनवरी में
हमने सभी विभागों से रिक्त सीटों के बारे में जानकारी मांगी है। संभवत: अगले साल जनवरी में नए ऑर्डिनेंस के अनुसार प्री पीएचडी परीक्षा आयोजित की जाएगी।
-प्रो ज्ञानसिंह शेखावत, रिसर्च डायरेक्टर, जेएनवीयू जोधपुर

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