सवाल- नर्सिंग वर्ग में रोजगार का क्या भविष्य है?
जवाब – नर्सिंग के क्षेत्र में रोजगार के अवसर निरंतर बढ़ रहे हैं। आने वाले समय में
राजस्थान में लगभग 18,000 नर्सिंग कर्मियों की विभिन्न कैडर में भर्ती की जाएगी। जिनमें नर्सिंग अधिकारी, एएनएम एवं सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) शामिल है। नर्सिंग शिक्षा में भी इंडियन नर्सिंग काउंसिल एवं नई राष्ट्रीय शिक्षा पॉलिसी समावेश यूजीसी नियमानुसार विभिन्न पदों पर भी जल्द ही भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
सवाल- अलग से नर्सिग विवि की जरूरत महसूस होती है, यह नर्सिंग शिक्षा के लिए कितना जरूरी है?
जवाब – राज्य सरकार को अलग से एक स्वतंत्र नर्सिंग विश्वविद्यालय बनाने का प्रस्ताव भेजेंगे और इसकी अनुशंसा करेंगे। राजस्थान में 250 से अधिक नर्सिंग कॉलेज हैं और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) तथा यूजीसी के नियमों के अनुसार 200 से अधिक कॉलेज होने पर संबंधित पाठ्यक्रम का स्वतंत्र एक विश्वविद्यालय बनाया जा सकता है। विश्वविद्यालय से नर्सिंग शिक्षा के गुणवत्ता मानकों को और सशक्त किया जा सकेगा।
सवाल- नर्सिंग शिक्षा की गुणवत्ता को कैसे बढ़ाया जा सकता है?
जवाब – राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग (एनएनएमसी) जल्द ही शुरू होने वाला है। इसके बाद पूरे भारत में नर्सिंग शिक्षा और क्लिनिकल अभ्यास में एकरूपता आएगी और गुणवत्ता में नवाचार होगा। आयोग के गठन में 19 पदों के साथ एक चेयरपर्सन और 3 अध्यक्ष शामिल होंगे, जिससे नर्सिंग क्षेत्र की दशा और दिशा में सुधार होगा।
सवाल- समय के साथ कैसे नर्सिंग शिक्षा में नवाचार हो रहा है?
जवाब – सिमुलेशन तकनीक के साथ साथ वर्चुअल रियलिटी (वीआर) अध्ययन तकनीक को भी नर्सिंग शिक्षा में व्यापक स्तर पर शामिल किया जाएगा। वर्चुअल रियलिटी तकनीक से नर्सिंग छात्रों को ऐसे परिदृश्यों का अभ्यास कराया जाएगा जो वास्तविक जीवन में मरीजों के साथ सामना कर सकते हैं। वीआर तकनीक के माध्यम से छात्र बिना किसी जोखिम के जटिल चिकित्सा परिस्थितियों में निर्णय लेने का अनुभव प्राप्त करेंगे।