गुलामुद्दीन ने बताया कि उसने अनिता को अपने घर पर किसी बड़े आदमी से मिलाने की बात कहकर बुलाया था। अनिता को कहा था इससे उसको भी फायदा होगा, इसलिए वह 27 अक्टूबर की दोपहर सरदारपुरा से गंगाणा तक टैक्सी करके आ गई। वह अपने साथ कपड़े भी लेकर गई थी। मौका तस्दीक के दौरान गुलामु्द्दीन ने अपने घर के आसपास हुए पूरे घटनाक्रम के बारे में पुलिस को बताया, लेकिन अभी तक हत्या में शामिल अन्य लोगों के बारे में पता नहीं चल सका।
गुलामु्द्दीन आभूषण के लिए अनिता की हत्या करना बता रहा है, लेकिन पुलिस इतने जघन्य हत्याकाण्ड को केवल जेवर के लिए अंजाम देने की बात को लेकर विश्वास नहीं कर रही है। गुलामुद्दीन पुलिस रिमाण्ड पर है, लेकिन अब तक की पूछताछ में उसने कोई खास अन्य सुराग नहीं बताए हैं। उसकी पत्नी आबिदा भी रिमाण्ड पर है। दोनों से साथ में भी पूछताछ की गई है। जांच कर रहे सरदारपुरा थानाधिकारी दिलीप सिंह शेखावत ने बताया कि हत्या में और शव काटने में प्रयुक्त हथियार बरामद किए गए हैं। आरोपी गुलामुद्दीन से पूछताछ की जा रही है। शव के टुकड़े अनिता चौधरी के ही हैं।
होश न आने पर हथौड़ा सिर पर मारकर हत्या की
मुख्य आरोपी गुलामुद्दीन से पुलिस के अलग-अलग अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं। उसने बताया कि 27 अक्टूबर को शर्बत में नशीला पदार्थ मिलाकर अनिता को पिलाया था। जिससे वह बेहोश हो गई थी। तब उसने अनिता के पहने हुए सोने का मंगलसूत्र व तीन अंगूठियां लूट ली थी। गुलामुद्दीन को उम्मीद थी कि अनिता को तीन-चार घंटे में होश आ जाएगा, लेकिन नशे की ओवरडोज की वजह से उसे सात आठ घंटे बाद भी होश नहीं आया था। तब उसने घर में रखे हथौड़े से सर पर वार करके उसकी हत्या कर दी थी। फिर तीन-चार फीट लंबे धारदार चाकू से छह के टुकड़े किए थे। परिजन ने दर्ज नहीं करवाए बयान
अनिता के परिजन की ओर से
जोधपुर के कुड़ी भगतासनी स्थित वीर तेजा मंदिर में धरना दिया जा रहा है। अब तक परिजन ने पुलिस को बयान दर्ज नहीं कराए हैं। न ही गवाहों के बयान कराए गए हैं। पुलिस के नोटिस पर नोटिस देने के बावजूद कोई बयान देने नहीं आ रहा है। सोमवार को पुलिस 11वां नोटिस लेकर मंदिर पहुंची, लेकिन वहां परिजन नहीं मिले।
पोस्टमार्टम के लिए तैयार नहीं
अनिता की लाश 30 अक्टूबर को मिली थी। अब तक 13 दिन हो गए हैं, लेकिन अनिता का पोस्टमार्टम नहीं हो सका है। परिजन पोस्टमार्टम के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं। शव एम्स की मोर्चरी में पड़ा है। गुलामुद्दीन ने धारदार हथियार से शव के कई टुकड़े किए थे।