देवीदास ने 36 लाख रुपए निवेश कर दिए थे, जबकि उसकी न तो लॉटरी खुली और न ही प्रतिफल मिला। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की तो आरोप प्रमाणित पाए गए। तलाश शुरू की गई, लेकिन आरोपी नहीं मिला। इस बीच, मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर जयपुर में साइंस पार्क के पास निवासी सन्नी माधोघडिय़ा पुत्र रमेश कुमार अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया। दो दिन रिमाण्ड के बाद उसे बुधवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में भिजवा दिया गया।
वहीं दूसरी तरफ कंज्यूमर कोर्ट ने होम लोन की संपूर्ण बकाया राशि जमा करने के बाद भी उपभोक्ता को अचल संपत्ति के असल दस्तावेज नहीं देने को अनुचित व्यापार व्यवहार मानते हुए बैंक को 50 हजार रुपए बतौर हर्जाना देने का आदेश दिया। घोड़ों का चौक निवासी राजेश सोलंकी ने अधिवक्ता सीपी चौहान के माध्यम से उपभोक्ता अदालत में परिवाद पेश कर बताया कि बॉम्बे मोटर स्थित इलाहाबाद बैंक से पिता के नाम से 12 जनवरी 2008 को 8.50 लाख का होम लोन लिया। इसके लिए मकान का असल पट्टा, हकतर्कनामा तथा अन्य मूल दस्तावेज बैंक के पास सम्यक बंधक के रूप में रखे। वर्ष 2016 को पूरा ऋण चुकता कर दिया। बैंक ने परिवादी को अदेय प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया, लेकिन संपत्ति के असल दस्तावेज नहीं दिए। बैंक में बार-बार चक्कर लगाने के बाद भी बैंक कर्मचारी टालमटोल करते रहे।