मदेरणा के निधन की खबर से कांग्रेसजनों व सामाजिक कार्यकर्ताओं के बीच शोक की लहर फैल गई और बड़ी संख्या में लोग उनके निवास स्थान पर पहुंचना शुरू हो गए। वन व पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्रोई, पूर्व केंद्रीय मंत्री सांसद पीपी चौधरी, विधायक सूर्यकांता व्यास, हेमाराम चौधरी, मनीषा पंवार व किशनाराम विश्रोई, महापौर कुंती देवड़ा, कांग्रेस नेता वैभव गहलोत, राजेंद्र सोलंकी, रामेश्वर दाधीच, मलखानसिंह विश्रोई समेत कई लोगों ने मदेरणा की पार्थिव देह पर पुष्पचक्र अर्पित किए।
दोपहर करीब साढ़े 12 बजे पुष्पों से सजी एम्बुलेंस में मदेरणा की पार्थिव देह सडक़ मार्ग से उनके पैतृक गांव लक्ष्मणनगर चाडी ले जाई गई, जहां उनके पिता स्व. परसराम मदेरणा की समाधि के पास ही अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि व ग्रामीण शामिल हुए।
दिग्गज कांग्रेसी नेता स्व. परसराम मदेरणा के पुत्र महिपाल लगातार 18 साल तक जोधपुर के जिला प्रमुख रहे। चाडी गांव में 5मार्च 1952 को जन्मे महिपाल ने बीए व एलएलबी की पढ़ाई की। वे 2003 में भोपालगढ़ और २००८ में ओसियां से विधायक चुने गए। वे 2008 में गहलोत मंत्रिमंडल में जलदाय मंत्री रहे, लेकिन एएनएम भंवरी देवी प्रकरण में नाम आने पर उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। बाद में उनकी गिरफ्तारी हुई। वे लगभग दस साल न्यायिक हिरासत में रहने के बाद पिछले महीने ही हाईकोर्ट से जमानत पर रिहा हुए थे।