सूतक काल चंद्र ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले लगता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, सूतक काल के दौरान कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। भारत में यह चंद्र ग्रहण दिखाई नहीं देगा इसलिए यहां सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।
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चंद्र ग्रहण ग्रहण के दौरान मंत्र जाप
ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृत तत्वाय धीमहि तन्नो चन्द्रः प्रचोदयात्
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कब लगता है चंद्रग्रहण
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि पौराणिक मान्यता है कि पूर्णिमा की रात जब राहु और केतु चंद्रमा को निगलने की कोशिश करते हैं, तब चंद्र ग्रहण लगता है। वहीं चंद्र ग्रहण से कुछ घंटे पहले सूतक काल लग जाता है, जिसे ज्योतिष के नजरिए से शुभ नहीं माना जाता है।
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राशियों पर दिखेगा प्रतिकूल प्रभाव
साल का पहला चंद्रग्रहण मंगल बुध के राशि परिवर्तन योग के बीच होने जा रहा है। चंद्रग्रहण के दौरान चंद्रमा तुला राशि में होंगे, इसलिए चंद्रग्रहण का सबसे अधिक प्रभाव प्रतिकूल रूप में तुला और मेष राशि पर देखा जाएगा। इनके अलावा यह चंद्रग्रहण वृश्चिक, वृष, कर्क और कन्या राशि वालों के लिए अशुभ फलदाई रहेगा। इन राशियों को चंद्रग्रहण के 15 दिनों के बीच काफी तनाव और परेशानियों का सामना करना होगा।
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मिथुन, सिंह, धनु, मकर, कुंभ और मीन राशि के लिए 5 मई को लगने वाला चंद्रग्रहण कुल मिलाकर शुभ फलदायी रहेगा। मिथुन राशि के जातकों को चंद्र ग्रहण के बाद लाभ का अवसर मिलेगा। मीन राशि के जातकों को धन का लाभ मिलेगा लेकिन पिता की सेहत और बच्चों को लेकर तनाव हो सकता है।
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व्यास ने बताया कि ग्रहण की वजह से प्राकृतिक आपदाओं का समय से ज्यादा प्रकोप देखने को मिलेगा। इसमें भूकंप, बाढ़, सुनामी, विमान दुर्घटनाएं, किसी बड़े गुनाहगार का देश में वापस आने का संकेत मिल रहे हैं। प्राकृतिक आपदा में जनहानि कम ही होने की संभावना है। फिल्म व राजनीति से दुखद समाचार। व्यापार में तेजी आएगी। बीमारियों में कमी आएगी। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। आय में इजाफा होगा। वायुयान दुर्घटना होने की संभावना। पूरे विश्व में राजनीतिक अस्थिरता यानि राजनीतिक माहौल उच्च होगा। राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप ज्यादा होंगे। सत्ता संगठन में बदलाव होंगे। पूरे विश्व में सीमा पर तनाव शुरू हो जाएगा। देश में आंदोलन, हिंसा, धरना प्रदर्शन हड़ताल, बैंक घोटाला, वायुयान दुर्घटना, विमान में खराबी, उपद्रव और आगजनी की स्थितियां बन सकती है।