भारत और फ्रांस वायुसेना के मध्य डेजर्ट नाइट-21 युद्धाभ्यास का आयोजन 20 से 24 जनवरी तक किया जा रहा है। युद्धाभ्यास के दूसरे दिन गुरुवार को फ्लाइंग ऑपरेशन शुरू हुआ। सुबह दस बजे चार फ्रैंच रफाल विमानों के साथ भारतीय रफाल विमान, सुखोई-30 और मिराज-2000 विमानों ने एक साथ उड़ान भरी। हवा में काल्पनिक घेरा और काल्पनिक दुश्मन देश की वायुसेना बनाकर एक दूसरे के एयर स्पेस में दाखिल हुए और डमी मिसाइलें व बम का प्रयोग किया। इस दौरान एयरक्राफ्ट पाकिस्तान की सरहद तक गए। पूरे थार में लड़ाकू विमानों की गर्जना देखने के लिए लोगों की निगाहें आसमां पर टिक गई। पोकरण फायरिंग रेंज में डमी मिसाइलें गिराकर वार रुम में उनका समय व एक्यूरेसी मापी गई। युद्धाभ्यास के दौरान हवा में ईंधन खत्म होने पर भारतीय लड़ाकू विमानों को सपोर्ट करने के लिए भारतीय टैंकर एयरक्रफ़्ट आईएल-78 भी उड़ रहा था। भारतीय विमानों ने हवा में ईंधन भरने का भी कुशलपूर्वक प्रदर्शन किया। उधर फ्रैंच रफाल के लिए एयरबस कम्पनी का फ्रैंच टैंकर अपने लड़ाकू विमानों के साथ उड़ रहा था। गौरतलब है कि रफाल विमानों के भारतीय वायुसेना में शामिल होने के बाद वे पहली बार किसी युद्धाभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं। युद्धाभ्यास में दोनों देशों के वायुसैनिक एक दूसरे के साथ वॉर स्ट्रेटजी और स्किल शेयर करते हैं।
फ्रैंच टैंकर में शॉर्टी लेने के बाद जोधपुर एयरफोर्स स्टेशन पर सीडीएस जनरल रावत ने फ्रैंच एयरफोर्स के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उनसे युद्धाभ्यास और रफाल की स्ट्रेटजी को लेकर चर्चा की। फ्रैंच एयरफोर्स से भारतीय वायुसेना के साथ युद्धाभ्यास का अनुभव भी जाना।
युद्धाभ्यास के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आने की संभावना है। वे शनिवार या रविवार को जोधपुर आ सकते हैं। रफाल विमान की सुपुर्दगी लेने के लिए राजनाथ सिंह ही फ्रांस गए थे और उन्होंने वहां शस्त्र पूजन भी किया था।