जोधपुर के अक्षत शर्मा व मौलश्री शर्मा दोनों का फैमिली बिजनेस बैकग्राउंड था। लेकिन करीब डेढ़ साल पहले इन्होंने एग्रीकल्चर सेक्टर में कुछ नया करने की सोची। कई प्रकार के रिसर्च के साथ केसर की इनहाउस खेती के बारे में जानकारी ली। पहले छोटे स्तर पर बीज तैयार किए। जब परिणाम अच्छा आया तो एक साल पहले और बीज कश्मीर से लाकर यहां लगाए गए। इस इनहाउस एग्रो रूम का तापमान 5 से 25 डिग्री के बीच रखा जाता है और नमी के लिए भी मशीन लगाई गई है। इस बार इन्होंने एक किलो से भी ज्यादा केसर की फसल ली है और अब आगे बीज वृद्धि भी अपनेआप शुरू हो चुकी है।
यह अनूठा व ऑर्गेनिक
केसर पर सफल प्रयोग करने और अच्छी उपज लेने के बाद अक्षत व मौलश्री इसे बाजार में ऑर्गेनिक उपज के रूप में लेकर जाने वाले हैं। मारवाड़ इस प्रकार का सफल प्रयोग करने के लिए इन्होंने कम जगह में वर्टिकल फार्मिंग का उपयोग किया है। इसे जल्द ही यह बढ़ाकर बड़ी फार्मिंग भी करने की योजना बना रहे हैं।
क्या है एयरोपॉनिक तकनीक
अक्षत बताते हैं कि एयरोपॉनिक तकनीक मुख्य रूप से ईरान से सीखी है। इसमें बिना मिट्टी व बिना पानी के फसल ली जाती है। मारवाड़ जैसे क्षेत्र जहां पानी की कमी है, वहां कम क्षेत्रफल में इस प्रकार का सेटअप लगाया गया है। जिसमें 300 स्क्वायर फीट में ही एक साल में यह फसल ली गई है। इस चेम्बर में ऊं की ध्वनि भी लगातार चलती है।