1. अविनाश गहलोत : जैतारण से लगातार दूसरी बार विधायक हैं। पहली बार मंत्री बने हैं। संघ की पसंद हैं। माली समाज से आते हैं। ऐसे में यहां दोहरा संदेश दिया गया है। युवा को मौका दिया व ओबीसी कार्ड भी खेला गया है। ये भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए कद्दावर नेता सुरेन्द्र गोयल को हरा कर सदन में पहुंचे थे।
1. ओटाराम देवासी : पिछली भाजपा सरकार में पशुपालन व गोपालन राज्य मंत्री थे। धर्म गुरु के तौर पर पहचान है और वसुंधरा गुट के काफी नजदीक हैं। मारवाड़ के जालोर-सिरोही पिछड़े जिले से एकमात्र मंत्री हैं। कांग्रेस के दिग्गज संयम लोढ़ा को हराकर सदन में पहुंचे हैं।
1. कृष्ण कुमार बिश्नोई : लादूराम बिश्नोई की विरासत को आगे बढ़ाते हुए केके बिश्नोई गुडामालानी सीट को जीत कर लाए। पश्चिमी राजस्थान में बिश्नोई समाज बड़ा वोट बैंक हैं। ऐसे में इसको साधने के लिए मंत्रीमंडल में जगह दी गई है। बिश्नोई वसुंधरा व संघ दोनों के नजदीकी हैं। पहली बार चुनाव लड़े और जीते हैं।
माटी के लाल के मंत्री बनने की खबर से ही धुंधाड़ा कस्बे में एक बार फिर दीपावली सा माहौल हो गया और पटाखों के धूम-धड़ाके से धुंधाड़ा कस्बा गूंजायमान हो गया। पटेल इसी गांव में पले-बढ़े, इसलिए ग्रामीण में खुशी का माहौल था। जोधपुर शहर में सरदारपुरा स्थित उनके निवास पर भी आतिशबाजी की गई। उनकी पत्नी हीरादेवी पटेल, पुत्र अधिवक्ता अशोक पटेल, धर्मेन्द्र पटेल, अधिवक्ता मनीष पटेल, पुत्र वधुओं, पौते-पोतियों ने भगवान व संत राजेश्वर महाराज का जयघोष कर एक-दूसरे को मिठाई खिलाई।
झोपड़ी में रहने वाला यह शख्स बना भजन लाल सरकार में मंत्री, आज भी परिवार संग खुद करता है खेती
पांच साल बाद फिर से लोहावट को मिला मंत्रीलोहावट विधानसभा क्षेत्र के विधायक गजेन्द्रसिंह खींवसर को केबिनेट मंत्री बनाने पर क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड पड़ी। कार्यकर्ताओं ने आतिशबाजी कर खुशी का इजहार किया। परिवारजन ने मिठाई बांटकर खुशी जताइ्र। कुछ कार्यकर्ता जयपुर स्थित उनके निवास भी पहुंचे और उनको शुभकामनाएं दी। इस मौके पर सोहनलाल खींचड, जगदीश ढाका, अमित शर्मा सहित अन्य कार्यकर्ताओं ने खुशी जताई। इससे पहले 2013 से 2018 में भी खींवसर भाजपा सरकार में केबिनेट मंत्री थे।