अनूपगढ़ अब अंतरराष्ट्रीय जिला राजस्थान की पाकिस्तान से 1070 किलोमीटर लम्बी अंतरराष्ट्रीय सीमा लगती है, जहां अब तक श्रीगंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर और बाड़मेर जिले आते थे। अब पांचवां जिला अनूपगढ़ आएगा जो पाकिस्तान सीमा से सबसे नजदीकी जिला मुख्यालय भी होगा।
सीमाओं में यह बदलाव – हरियाणा के साथ अब सीकर व जयपुर की सीमा नहीं लगेगी। नीम का थाना, कोटपूतली-बहरोड, खैरथल-तिजारा और डीग जिले सीमा बनाएंगे। – पहले भरतपुर हरियाणा व उत्तरप्रदेश से लगता था, अब डीग लगेगा।
– पहले जालोर गुजरात से लगता था, अब सांचौर लगेगा। – अंतरराज्यीय सीमा बनाने वाले जिलों की संख्या 23 से बढ़कर 25 हो जाएगी। – अंतवर्ती जिलों की संख्या 8 से बढक़र 22 हो जाएगी।
– राजस्थान की कुल सीमा बनाने वाले जिले 25 की जगह 28 होंगे।
लूणी नदी का पाली-जालोर से रिश्ता टूटा, दर्रे अब ब्यावर में – जैतारण के ब्यावर जिले में चले जाने से अब लूणी नदी का पाली से रिश्ता खत्म हो जाएगा। वह ब्यावर से बहेगी। जालोर के स्थान पर सांचौर से बहेगी।
– बनास नदी के बहाव क्षेत्र में नया जिला केकड़ी जुड़ेगा। – घग्घर अब श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ के साथ अनूपगढ़ से बहेगी। – सीकर से निकलने वाली कांतली नदी का बहाव क्षेत्र सीकर व झुंझनूं के अलावा नीम का थाना होगा। गणेश्वर सभ्यता का सीकर से नाता खत्म।
– नर्मदा का बहाव क्षेत्र बाड़मेर-जालोर की जगह बाड़मेर-सांचौर होगा। – नदी विहित जिले बीकानेर व चूरू के अलावा अब फलोदी भी होगा। – बाप फोल्डर क्ले जोधपुर की जगह फलोदी जिले में होगा।
– बर और शिवपुर घाट दर्रे अब अजमेर की जगह ब्यावर के कहलाएंगे।
शेखावटी में अब 4 जिले, जयपुर-अजमेर सबसे बड़े संभाग – शेखावटी में चूरू, सीकर व झुंझनूं के अलावा नीम का थाना जुड़ेगा।
– तीन जिले चितौड़, राजसमंद और भीलवाड़ा दो भागों में विभक्त होंगे। – मेवात क्षेत्र में अब अलवर, भरतपुर के अलावा कोटपूतली-बहरोड और खैरथल-तिजारा होंगे। – मत्स्य संघ में 4 की जगह 6 जिले होंगे। कोटपूतली व डीग जुडेंगे।
– पहले जोधपुर व उदयपुर संभाग में छह-छह जिले थे। अब इनका स्थान जयपुर-अजमेर (7-7 जिले) लेंगे। – पाली संभाग एकमात्र ऐसा संभाग जो पूरी तरीके से जोधपुर संभाग से टूटकर बना है। बिसलपुर बांध केकड़ी में, जयसमंद झील सलूम्बर में
– राजस्थान की सबसे बड़ी पेयजल परियोजना बिसलपुर बांध टोंक की जगह केकड़ी जिले में होगी। < जयसमंद झील उदयपुर के स्थान पर सलूम्बर जिले में। – डेगाना को छोड़कर नागौर की समस्त खारे पानी की झीलें डीडवाना-कुचामन जिले में गई। सांभर जिले से भी नागौर का नाता टूटा।
– पचपदरा झील बाड़मेर की जगह बालोतरा में। < लसाडिय़ां का पठार सलूम्बर में। – तांबे की खान खेतड़ी अब नीम का थाना जिले में। – राष्ट्रीय राजमार्गों की स्थिति में भी बदलाव आया है।
नए जिले बनने से प्रदेश के भूगोल में बहुत बड़ा बदलाव आया है। राजस्व विभाग की ओर से जारी नक्शे में स्थिति और अधिक स्पष्ट हो सकेगी। – डॉ भैरोसिंह राठौड़, भूगोल विशेषज्ञ